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किशनगंज सदर अस्पताल दो घंटे रहा अंधेरे में, जनरेटर भी फेल, मोबाइल टॉर्च में हुआ इलाज

किशनगंज,13जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गुरुवार शाम को किशनगंज सदर अस्पताल में बिजली आपूर्ति बाधित होने से मरीजों और चिकित्सकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक अस्पताल अंधेरे में डूबा रहा। इस दौरान जनरेटर मौजूद होने के बावजूद उसे समय पर चालू नहीं किया जा सका और जब चालू किया गया तो वह अस्पताल का पूरा लोड नहीं ले पाया।बिजली गुल होते ही आपातकालीन कक्ष और वार्डों में अंधेरा छा गया। चिकित्सकों को मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ा। एक मरीज के परिजन रामदेव प्रसाद ने बताया, “मां की हालत गंभीर थी। डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में इलाज कर रहे थे। यह देखकर मन व्यथित हो गया।”

लगातार बनी रहती है बिजली की समस्या

स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में बिजली की समस्या कोई नई बात नहीं है। आए दिन ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। स्थानीय निवासी रमेश सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बिजली जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव बेहद शर्मनाक है। यह प्रशासनिक लापरवाही और कुव्यवस्था का प्रमाण है।”

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

घटना के बाद से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। संबंधित अधिकारी का मोबाइल फोन लगातार बजता रहा, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

इस बीच, जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि “दो घंटे के लिए सदर अस्पताल समेत पूरा शहरी क्षेत्र अंधेरे में रहा। मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।”यह घटना एक बार फिर बिहार की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, जहां मूलभूत सुविधाओं के अभाव में मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।

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