किशनगंज : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित समिति की समीक्षात्मक बैठक संपन्न
राज्य सरकार के संकल्प के उपबंधों के अनुसार अत्याचार के पीड़ितों, उनके परिवार के सदस्यों और आश्रितों को 24 घंटा के अंदर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित किया जाता है: डीएम

किशनगंज, 23 नवंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, डीएम तुषार सिंगला की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989/ नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई। डीएम तुषार सिंगला ने कहा कि विगत कैलेण्डर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रवधानानुसार सभी 04 बैठकों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। अत्याचार निवारण प्रक्रिया में सम्पूर्ण तंत्र संवेदनशील, तत्पर एवं सजग है। डीएम ने कहा कि अधिनियम के तहत लंबित कांडों के निष्पादन हेतु त्वरित अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण करने तथा ससमय राहत अनुदान की राशि उपलब्ध कराने के लिए सभी कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार के संकल्प के उपबंधों के अनुसार अत्याचार के पीड़ितों, उनके परिवार के सदस्यों और आश्रितों को 24 घंटा के अंदर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही उक्त योजना के तहत अन्य सुविधाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करायी जाती है। डीएम ने कहा कि सुसंगत धाराओं के तहत निर्धारित अवधि में अन्वेषण और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव-सह-जिला कल्याण पदाधिकारी, अनिल कुमार सिन्हा द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित 47 मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 2023 में अभी तक कुल 47 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। इसमें 44 पीड़ित को मुआवजा भुगतान किया गया है। पीड़ितों से डीएम ने वार्ता कर वस्तुस्थिति प्राप्त किया। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को आने-जाने के लिए 100-100 रुपये तथा एक दिन की निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की राशि की समतुल्य राशि अर्थात् 557 रुपये देने का प्रावधान है। तदनुसार अपेक्षित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। इस बैठक में विशेष लोक अभियोजक, जिला कल्याण पदाधिकारी एवं समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।