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किशनगंज : रेड डॉट चैलेंज – युवाओं ने तोड़ी चुप्पी, हाथों पर रेड डॉट बनाकर माहवारी स्वच्छता का दिया संदेश

जिले के सभी किशोर एवं किशोरी इस मुहिम में हों शामिल, चुप्पी तोड़ने से ही सोच में आएगा बदलावकिशनगंज, 24 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, किशोर एवं किशोरियों की हाथों की हथेली और कलाई पर बने रेड डॉट को देखकर आपको आश्चर्य जरूर होगा। हो सकता है आप इसे आधुनिक समय की फैशन समझने की भूल भी कर लें। लेकिन हाथों पर रेड डॉट बनाकर किशोर और किशोरियां माहवारी स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। युवाओं का यह प्रयास मासिक स्वच्छता के प्रति उनके साथ समाज के सभी लोगों को जागरूक करने की कोशिश है। युवाओं को इस मुहिम से जोड़ने के लिए बुधवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा की अध्यक्षता में बालिका उच्च विद्यालय डुमरिया में बालिकाओं द्वारा अपने हाथों में रेड डॉट का निशान बनाकर इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विदित हो कि महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के मकसद से हर साल दुनियाभर में 28 मई को मेन्स्ट्रुअल हाइजीन डे यानी माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2014 में जर्मन एनजीओ ‘वॉश यूनाइटेड’ ने की थी। इसको मनाने के पीछे का उद्देश्य लड़कियों/महिलाओं को पीरियड्स यानी महीने के उन पांच दिनों में स्वच्छता और सुरक्षा के लिए जागरूक करना है। आमतौर पर महिलाओं की माहवारी 28 दिनों के भीतर आती हैं। इसका पीरियड पांच दिनों का होता है। इसी कारण इस खास दिवस को मनाने के लिए पांचवें महीने मई की 28 तारीख को चुना गया। सुमन सिन्हा ने बताया कि बालिका उच्च विद्यालय डुमरिया की सभी छात्रा को मासिक स्वच्छता की मुहिम में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि 28 मई को विश्व मासिक स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। माहवारी के दौरान महिलाओं और किशोरियों को सुरक्षित और स्वच्छ माहवारी का अनुपालन करने के लिए सही सूचना एवं सुविधाओं का उपयोग सम्बन्धी स्वच्छता से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा की दृष्टि से लैंगिक समानता लाना, यौन शिक्षा एवं माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे में जागरूकता के साथ साथ समुदायों में माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इसे ध्यान में रखते हुए मासिक स्वच्छता पर समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य जिले के सभी युवाओं को इस मुहिम से जोड़ना है। ताकि वे विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक मासिक स्वच्छता का सन्देश पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि मासिक स्वच्छता जैसे विषय महिलाओं पर केन्द्रित होने के बाद भी किशोर भी इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं। इस मुहिम को जिला समेकित बाल विकास की सभी परियोजना में आगे भी जारी रखने का प्रयास करती रहेंगी। कार्यक्रम में उपस्थित सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने कहा कि मासिक स्वच्छता पर किशोरियां जितनी अपनी चुप्पी तोड़ेंगी उतना ही समुदाय में इस बात पर झिझक ख़त्म होगी। उन्होंने कहा कि जब हम अन्य प्राकृतिक विषयों पर बेबाक होकर अपनी राय रख सकते हैं तो फिर मासिक स्वच्छता पर क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि जब तक हम मासिक स्वच्छता के प्रति नजरिया स्वयं नहीं बदलेंगे तब तक समुदाय की सोच में भी परिवर्तन आना मुश्किल है। उन्होंने कहा इसलिए आज हाथों पर रेड डॉट बना अन्य किशोरियों के साथ समुदाय को भी इस पर खुल कर बात करने का संदेश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि समाज में महिलाओं के साथ भेद-भाव तब तक खत्म नहीं हो सकता जब तक पुरुष महिलाओं की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि अभी भी मासिक स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषय पर परिवार और समाज में खुल कर बात नहीं होती। यह सोचने का विषय का है कि क्या मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना सिर्फ़ महिलाओं की जिम्मेदारी है या इसमें पुरुषों की भी भूमिका जरूरी है ? उन्होंने कहा कि वह इस मुहिम में शामिल हैं और इसमें अन्य पुरुषों को भी शामिल होना चाहिए। विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के समर्थन में अपने हाथों में लाल बिंदु का निशान बनाएं और भेजें अपनी सेल्फी/तस्वीरें टीचर्स ऑफ बिहार के फेसबुक ग्रुप www.tinyurl.com/TeachersofbiharFacebook पर #RedDotChallenge के साथ। चयनित तस्वीरों को टीचर्स ऑफ बिहार के सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाया जाएगा।

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