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किशनगंज : शिशु रोग विशेषज्ञ ने किया एसएनसीयू का निरीक्षण

नवजात शिशुओं के लिए जीवनरक्षक सेवा बनी यूनिट

किशनगंज, 01 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, सदर अस्पताल स्थित स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) का रविवार को सीडीओ सह शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मंजर आलम ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यूनिट में भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल की स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं का गहन अवलोकन किया। डा. मंजर आलम ने यूनिट में उपलब्ध चिकित्सा उपकरणों और स्टाफ के कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए इसे नवजात शिशुओं के लिए वरदान बताया। निरीक्षण के दौरान, डा. मंजर आलम ने हाल ही में एसएनसीयू की एक बड़ी सफलता पर प्रकाश डाला। शहरी क्षेत्र के खगड़ा मछ्मारा की एक नवजात बच्ची, जिसका जन्म मात्र 1 किलो वजन के साथ हुआ था, को निजी क्लिनिक ने बचाने की उम्मीद छोड़ दी थी। परिवार ने बच्ची को 31 अगस्त को एसएनसीयू में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों और स्टाफ ने 19 दिनों के गहन प्रयासों के बाद उसे स्वस्थ कर घर भेज दिया। इस घटना का उल्लेख करते हुए डा. मंजर आलम ने कहा कि एसएनसीयू के समर्पित स्टाफ और अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से ऐसे असाधारण मामलों को संभाला जा रहा है। यह यूनिट शिशु मृत्यु दर को कम करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।

उन्होंने बताया कि एसएनसीयू में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं। रेडियेंट वार्मर, नवजात को गर्म रखने के लिए। फोटोथेरेपी यूनिट, पीलिया से पीड़ित शिशुओं के इलाज के लिए, पोर्टेबल एक्स-रे यूनिट, नवजातों के लिए। ऑक्सीजन सपोर्ट यूनिट, श्वसन समस्या वाले शिशुओं के लिए।

डा. मंजर ने कहा कि यूनिट में 24 घंटे चिकित्सकों और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह यूनिट हर महीने लगभग 50 नवजातों को जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान करती है। एसएनसीयू में उन नवजातों को भर्ती किया जाता है जो 1800 ग्राम से कम वजन के होते हैं, गर्भावस्था के 34 सप्ताह से पहले जन्मे होते हैं, या जन्म के समय गंभीर बीमारी जैसे पीलिया, श्वसन समस्या, या रक्तस्राव से ग्रसित होते हैं।

डा. मंजर आलम ने निरीक्षण के दौरान मीडियाकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि वे एसएनसीयू की सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि ऐसी सेवाओं का समय पर उपयोग करके नवजात शिशुओं को बेहतर जीवन दिया जा सकता है। एसएनसीयू के निरीक्षण के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह यूनिट न केवल जिले में शिशु मृत्यु दर को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है, बल्कि नवजात शिशुओं को नई जिंदगी देने में भी सफल हो रही है।

डा. मंजर आलम ने एसएनसीयू की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि यह यूनिट सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास को और मजबूत करने में सक्षम है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से आग्रह किया कि वे इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास करें।

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