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किशनगंज : मिशन परिवार विकास पखवाड़ा, कुल 237 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण।

जिले में 17 से 29 जनवरी तक चला मिशन परिवार विकास पखवाड़ा में लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया गया जागरूक

  • जिले की सभी प्रखंडों की महिलाओं की रही भागीदारी।
  • जारी रहेगा परिवार नियोजन अभियान।पखवाड़ा की।
  • सफलता को लेकर एक-एक योग्य महिला से संपर्क कर दी गई जानकारी।
  • 237 महिलाओं ने स्थाई तो 848 महिलाओं ने अपनाए अस्थाई साधन।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में 17 से 29 जनवरी तक आयोजित परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान महिलाओं में सकारात्मक बदलाव और जागरूकता दिखी। इस दौरान जिले की कुल 237 महिलाओं ने पुराने ख्यालातों से बाहर आकर और भ्रांतियाँ को दरकिनार कर परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन को अपनाया। इसमें शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की भी महिलाएं शामिल हैं। जो ना सिर्फ सामुदायिक स्तर पर महिलाओं में सकारात्मक बदलाव है बल्कि, महिलाओं में खुद के लिए जरूरी निर्णय लेने के लिए आई जागरूकता का भी बड़ा संकेत है। वहीं, पखवाड़ा की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी काफी सजग और प्रयासरत रहा। पखवाड़ा के दौरान जिले के विभिन्न प्रखंडों में परिवार नियोजन को लेकर तमाम गतिविधियों का आयोजन कर नियमित तौर पर लोगों को जागरूक किया गया। जिसका सकारात्मक परिणाम भी रहा। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया की जिले में मिशन परिवार विकास पखवाड़ा का संचालन काफी सफलतापूर्वक तरीके से किया गया। काफी संख्या में महिलाओं का ऑपरेशन किया गया। साथ ही लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गई। परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया। परिवार नियोजन से किस तरह के फायदे होते हैं, इसकी जानकारी लोगों को दी गई। लोगों में परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री का वितरण भी किया गया। सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया की परिवार नियोजन को लेकर महिलाओं में काफी जागरूकता दिखी। जो खुद गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने के लिए बेहतर कदम है। यह सामुदायिक स्तर पर महिलाओं में आये सकारात्मक बदलाव का बड़ा संकेत भी है। वहीं, उन्होंने बताया, परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा में जिले की सभी प्रखंडों की महिलाओं की भागीदारी रही। किसी महिला को परिवार नियोजन के साधन को अपनाने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसको लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में व्यापक पैमाने पर व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। दंपति को समझाया गया कि दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में बीमारियों की चपेट में नहीं आता है। अगर आता भी है तो वह उससे जल्द उबर जाता है। इसके अलावा पहला बच्चा भी 20 साल के बाद ही पैदा करने की सलाह लोगों को दी गई। इन सारी बातों को लगातार लोगों के बीच ले जाया जा रहा है। पखवाड़ा समाप्त होने के बाद भी लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा। जिले के सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि मिशन परिवार विकास पखवाड़ा अंतर्गत जिले में कुल 237 महिलाओं ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाए। वहीं 848 महिलाओं ने अस्थाई साधन को अपनाया। उन्होंने बताया, की पखवाड़ा के दौरान सभी महिलाओं में काफी जागरूकता दिखी। सभी लाभार्थी तमाम भ्रांतियों को दरकिनार कर और पुराने ख्यालातों से बाहर आकर इस साधन को अपनाने के लिए आगे आईं। उक्त पखवारा में 1236 इसीपी, 4812 ओसीपी , 3175 छाया तथा 9756 कंडोम का वितरण किया गया है। केयर इंडिया के डीटीएल प्रशंजित प्रमाणिक ने बताया परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तमाम पदाधिकारी एवं कर्मी के माध्यम से जिले की सभी प्रखंडों की एक-एक योग्य महिला से संपर्क कर उन्हें पखवाड़ा की जानकारी दी गई। साथ ही इस साधन को अपनाने के लिए प्रेरित भी किया गया। जिसका काफी सकारात्मक परिणाम रहा और महिलाएं साधन को अपनाने के लिए आगे आईं। सिविल सर्जन ने बताया कि पखवाड़ा भले ही समाप्त हो गया है, लेकिन परिवार नियोजन को लेकर जिले में अभियान जारी रहेगा। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर लोगों को लगातार परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रही हैं। यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। अगर बंध्याकरण समेत परिवार नियोजन से संबंधित अन्य तरह का अभियान चलता रहेगा। इसलिए बंध्याकरण को लेकर इच्छुक व्यक्ति जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर ऑपरेशन करा सकते हैं।

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