किशनगंज : गायत्री शक्तिपीठ के प्रागंण में शिक्षक सम्मान समारोह का किया गया आयोजन
इस अवसर पर ओपीएस स्कूल के निर्देशक सरयू मिश्रा ने कहा कि भारत रत्न डॉ. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्वों को याद करते हुए उनके बताये सूत्रों को जीवन में धारण करने की बात कही

भारत की भारतीय संस्कृति ने गुरु को महज व्यक्ति नहीं, वरन् ऐसी मार्गदर्शक सत्ता माना है, जो भ्रम और अज्ञान के सभी आवरण हटाकर शिष्य के अंतस को आत्म ज्ञान की ज्योति से आलोकित कर देता है: मिक्की साहा
किशनगंज, 07 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अखिल विश्व गायत्री परिवार ट्रस्ट के द्वारा तेघरिया गायत्री शक्तिपीठ के प्रागंण में गुरुवार को शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन ओरियंटल पब्लिक स्कूल के निर्देशक सरयू मिश्रा डीएसपी डा० शालिनी प्रसाद डॉ० अंकिता जैन, प्रिंसपल बाल मंदिर स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल के निर्देशक आशिफ इकबाल के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों के स्वागत में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया सभी अथितियों को पौधा देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर ओपीएस स्कूल के निर्देशक सरयू मिश्रा ने कहा कि भारत रत्न डॉ. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्वों को याद करते हुए उनके बताये सूत्रों को जीवन में धारण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो जीवन को समझना सिखाए वही सच्चा गुरु है, गुरु शिष्य को गढ़कर उसे चरित्रवान बनाता है। ज्ञान दान सबसे बड़ा दान है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की महत्ता ऐसी है कि जो शिक्षा व विद्या को एक माला में पिरोते हुए शिष्य के अंदर छिपी प्रतिभा को उभारता है। गुरु चाहे किसी भी धर्म जाति पंथ, समाज पार्टी विचारधारा का हो, गुरु हमेशा गुरु ही रहेगा। हमेशा गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि गुरु हमेशा सिखाता है उसके बदले में कुछ लेता नहीं है। जब एक शिष्य कुछ बन कर जाता है तो सबसे बड़ा ईनाम अध्यापक के लिए कुछ नहीं होता। जीवन भर शिक्षक लाखों बच्चों को पढ़ाते है परन्तु जब वो कुछ बन जाते है तो वहीं उनकी सबसे बड़ी जीत होती है। ट्रस्टी मिक़्क़ी साहा ने कहा कि भारत की भारतीय संस्कृति ने गुरु को महज व्यक्ति नहीं, वरन् ऐसी मार्गदर्शक सत्ता माना है, जो भ्रम और अज्ञान के सभी आवरण हटाकर शिष्य के अंतस को आत्म ज्ञान की ज्योति से आलोकित कर देता है। सभी प्रखंडों व जिला से चयनित कर शिक्षकों को समानित करने का कार्य गायत्री परिवार के द्वारा प्रत्येक वर्ष बड़े धूमधाम से किया जाता है। साथ ही सभी प्रखण्ड स्तर पर गायत्री परिवार के परिजन लगातार रचनात्मक कार्य कर अपना समयदान दे रहे है। वही प्रो० अजय प्रसाद साह, ओम प्रकाश हांसदा, झरना बाला साह, बबिता कुमारी, मिली कुमारी, फरहीन इक़बाल, जय प्रकाश, शंकर पॉल, लाल चंद, कुमार रवि, रत्न सिन्हा, हिमांशु कुमार सिन्हा, इंद्र देव सिंह, किशोर कुमार झा, राणा प्रताप मंडल, अमित कुमार जायसवाल, सभी सम्मानित शिक्षकों को उनके अध्यापन व रचनात्मक क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिये मुख्य अतिथियों के द्वारा शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर देव मंच से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ट्रस्टी सुदामा राय, अनिल कुमार आर्य, परमानंद यादव, चेतनारायण सिंह, जिला संयोजक सौरभ कुमार, युवा प्रकोष्ठ सुमित कुमार साह, गौरी शंकर त्रिमूर्ति, सोहन लाल मंडल, पंचानंद सिन्हा, मनोज कुमार सिन्हा, प्रकाश कुमार, कृष्णानंद चौधरी, अभय रंजन सिन्हा, रजनीश रंजन, संतोष कुमार गणेश, विष्णु प्रसाद गणेश सहित गायत्री परिवार के सभी परिजन मौजूद थे।