किशनगंज : कालाजार से जंग में जुटा स्वास्थ्य विभाग: किशनगंज में घर-घर खोजी अभियान शुरू, ग्रामीणों को राहत की उम्मीद
01 जून से 15 जून तक चल रहा विशेष सर्वेक्षण, आशा कार्यकर्ता कर रहीं संदिग्ध मरीजों की पहचान

किशनगंज,05जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, बिहार सरकार ने एक बार फिर कालाजार जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिले में 1 जून से 15 जून तक चल रहे विशेष “घर-घर कालाजार खोजी अभियान” के तहत, स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की पहचान और जांच का काम कर रही है। इस अभियान से लोगों को समय पर उपचार मिलने की उम्मीद जगी है।
कालाजार: चुपचाप शरीर को खोखला करने वाला रोग
कालाजार, जिसे चिकित्सा भाषा में विसरल लीशमैनियासिस (VL) कहा जाता है, बालू मक्खी (Sand Fly) के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में लंबे समय तक चलने वाला बुखार, वजन घटना, तिल्ली व यकृत का बढ़ना शामिल है। समय रहते इलाज न हो तो यह रोग जानलेवा साबित हो सकता है।
व्यापक सर्वे, घर-घर जांच
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि इस विशेष अभियान के अंतर्गत 2022 से 2025 तक VL, PKDL व HIV-VL रोगियों के संपर्क में आए 200–250 घरों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बुखार से पीड़ित व्यक्तियों की RK-39 किट से मुफ्त जांच की जा रही है। यदि कोई 15 दिन से अधिक समय से बुखार से ग्रसित है और मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों की पुष्टि नहीं होती है, तो उसे कालाजार का संदिग्ध मरीज मानते हुए जांच की जाती है। पॉजिटिव पाए जाने पर तत्काल इलाज Miltefosine दवा से शुरू किया जा रहा है।
अभियान से पहले योजना, जागरूकता में दिखा असर
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि अभियान की शुरुआत से पहले हर प्रखंड के संवेदनशील गांवों में माइक्रो प्लानिंग की गई। मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत प्रतिनिधियों की मदद से माइकिंग, पोस्टर और दीवार लेखन के जरिए कालाजार के लक्षणों और इलाज की जानकारी दी गई। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है और आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों का सहयोग मिल रहा है।
हर स्तर पर निगरानी, हर मरीज पर नजर
डॉ. आलम ने बताया कि बीएचएम, बीसीएम, डीवीबीडीसीओ, वीडीसीओ, डीसीएम और कालाजार सलाहकार इस अभियान की जमीनी निगरानी कर रहे हैं। KAMIS सॉफ्टवेयर में हर मरीज की जानकारी अपलोड की जा रही है ताकि इलाज और फॉलोअप में कोई चूक न हो।
जनसहभागिता से बनेगा कालाजार मुक्त बिहार
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह सिर्फ सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि जन सहयोग से चलने वाला जन आंदोलन है। ग्रामीण अगर सजग रहें, बुखार को नजरअंदाज न करें, समय पर जांच कराएं और इलाज लें, तो बिहार को कालाजार से पूर्णतः मुक्त किया जा सकता है।
15 जून तक चलेगा अभियान, प्रत्येक प्रखंड से अनिवार्य रिपोर्टिंग
RK-39 जांच में पॉजिटिव मरीजों की जानकारी पीओसीडी और वीबीडीएस के माध्यम से जिला कार्यालय भेजी जा रही है। हर मरीज के इलाज, निगरानी और पुनः जांच की जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता से निभाई जा रही है।