किशनगंज : “एक उम्मीद, एक पहल – अब गंभीर बीमारियों से नहीं रुकेगा बचपन”
आरबीएसके योजना के तहत न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित शबनम खातून को सर्जरी के लिए एम्स पटना भेजा गया

किशनगंज,23मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गंभीर जन्मजात बीमारी से जूझ रही किशनगंज जिले की 5 वर्षीय शबनम खातून को आज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत बेहतर इलाज के लिए एम्स पटना भेजा गया। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (NTD) से पीड़ित शबनम अब सरकारी योजना की मदद से एक नई ज़िंदगी की ओर कदम बढ़ा रही है।
शबनम, कोचाधामन प्रखंड के एक सामान्य ग्रामीण परिवार से ताल्लुक रखती है। जन्म के बाद से ही उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर विकृति थी, जिससे उसका चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। परिजनों ने सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हार नहीं मानी। आरबीएसके टीम की स्क्रीनिंग के दौरान बीमारी की पहचान हुई, जिसके बाद उसे एम्स पटना रेफर किया गया। इलाज पूरी तरह निःशुल्क होगा – जिसमें सर्जरी, दवाइयाँ, जाँच, रहने-खाने की सभी सुविधाएं शामिल हैं।
NTD – एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य स्थिति
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट एक जन्मजात विकृति है, जिसमें भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का विकास गर्भावस्था के पहले महीने में बाधित हो जाता है। इससे Spina Bifida और Anencephaly जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि समय रहते इलाज हो, तो प्रभावित बच्चों को सामान्य जीवन जीने का अवसर मिल सकता है।
सरकारी योजनाएं बन रही हैं वरदान
RBSK के जिला समन्वयक पंकज शर्मा ने बताया कि टीम लगातार प्रखंड स्तर पर बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों की पहचान कर रही है। शबनम का केस लगातार मॉनिटर किया जा रहा है और सर्जरी के बाद भी उसका फॉलोअप जारी रहेगा।
जागरूकता ही सुरक्षा
जिलाधिकारी विशाल राज ने जनता से अपील की कि वे बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। जन्म से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में किसी भी प्रकार की विकृति, विकास में रुकावट या असामान्यता दिखे तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं। सरकार की योजनाएं सभी के लिए खुली हैं और इलाज पूरी तरह निःशुल्क है।