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किशनगंज : मधुमेह का प्रबंधन स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक : सिविल सर्जन

अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस

  • जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान पर मनाया गया निःशुल्क जांच सह परामर्श सत्र।
  • जीवनशैली में बदलाव के कारण लोग हो रहे डायबिटीज के मरीज
  • ये हैं मधुमेह के लक्षण : बार-बार पेशाब होना। अधिक प्यास लगना। कमजोरी लगना। वजन का घटना।
  • बचाव के उपाय : संतुलित भोजन। नियमित व्यायाम। नियमित जांच एवम उपचार। साइकिल चलाना। तैराकी करना।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जीवन शैली में बदलाव व उचित आहार-व्यवहार में कमी के कारण लोगों को डायबिटीज बीमारी अपनी चपेट में लेती है। वर्तमान समय में शुगर रोग से ग्रसित रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान व आहार व्यवहार में समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। अनियमित दिनचर्या, व्यायाम करने में आलस, मानसिक तनाव एवं अनियंत्रित खानपान, डायबिटीज से ग्रसित होने की प्रमुख वजह मानी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस पर जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थान में आगामी 14 से 21 नवंबर तक निःशुल्क जांच सह परामर्श सप्ताह मनाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) के तहत प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस को लेकर 14 से 21 नवंबर तक निःशुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श सप्ताह शिविर का आयोजन किया गया है। शिविरों में आने वाले व्यक्तियों की उच्च रक्तचाप व मधुमेह रोग की स्क्रीनिंग के साथ-साथ उन्हें इन रोग से बचाव के उपायों की जानकारी दी जायेगी। इसके साथ ही स्वस्थ रहने के लिए सही खानपान की आदतों वाली जीवन शैली अपनाने संबंधी जानकारी भी दी जायेगी। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि डायबिटीज पर नियंत्रण रखना सभी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी है। डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। इसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती हैं। डायबिटीज में मरीज को बार-बार प्यास लगती है, भूख ज्यादा महसूस होती है और बार-बार पेशाब लगता है। डायबिटीज होने के बहुत से कारण होते हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण है शरीर का वजन अधिक होना। कई बार हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। यह बात ध्यान रखें कि एक दिन में कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी से बचा सकती है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियों का सेवन करें और कभी भी खाली पेट नहीं रहें। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण रखना और पर्याप्त नींद लेना आपको मधुमेह से दूर रखेगा। तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाना भी फायदेमंद होगा। डायबिटीज के मरीज हरी पत्तेवाली सब्जियां, सलाद और अंकुरित अनाज खाएं। रात में खाना जल्दी खाएं और डिनर के बाद टोन्ड दूध जरूर पीयें। हमेशा कम चीनी या बिना चीनी की चाय पीयें। दिन के खाना में दही या छाछ ले सकते हैं। सुबह खाली पेट मेथी के दाने का पानी भी लाभदायी होगा। रोज व्यायाम करें और कम से कम दो किलोमीटर पैदल चलें। आंवले और करेला का जूस भी पी सकते हैं।

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