किशनगंज : ‘देखभाल अंतर को बंद करें'”थीम के साथ जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में चला कैंसर जागरूकता अभियान
समय पर उपचार एवं पहचान से बच सकती है कैंसर से जान, 10 फरवरी तक चलेगा जागरुकता अभियान, बचाव के लिए दी जाएगी आवश्यक चिकित्सा परामर्श, जांच के बाद बाद पीड़ित मरीजों को समुचित इलाज के लिए भेजा जाएगा बेहतर स्वास्थ्य संस्थान, चिकित्सकों ने की मरीजों की स्क्रीनिंग
किशनगंज, 04 फरवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में रविवार को विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी पीएचसी, एपीएचसी, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर समेत अन्य चयनित स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क कैंसर चिकित्सा परामर्श सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी। कैंसर जैसे भयानक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके लिए 4 फरवरी को प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में प्रभारी सिविल सर्जन डा. मंजर आलम की अध्यक्षता में कैसर दिवस के उपलक्ष्य में सदर अस्पताल कार्यालय परिसर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन ने बताया की वर्ष 1999 में, वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस, में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद साल 2000 में 4 फरवरी को पहली बार वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ, दुनिया के सभी देशों का साथ मिलकर युद्ध करें और इस जानलेवा बीमारी को खत्म करने में अपना पूरा संयोग दें। इस बीमारी से जुड़े शोध और देखभाल को बढ़ावा देना, इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य है। वही कार्यक्रम में गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने कहा कि कैंसर पहले के दशकों में लाइलाज हुआ करता था। आज के समय में कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है। लेकिन, इसके लिए समय पर इसकी पहचान बेहद जरूरी है। ताकि, समय पर मरीज का इलाज शुरू कर उसकी जान बचाई जा सके। शिविर के दौरान चिकित्सकों द्वारा सामान्य कैंसर रोगियों की पहचान की जाएगी। संभावित कैंसर मरीज को बेहतर उपचार के लिए पटना स्थित महावीर कैंसर अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल एवं एम्स में रेफर किया जाएगा। डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आगामी 10 फरवरी तक नियमित रूप से जिले में नि:शुल्क कैंसर चिकित्सा परामर्श सह जागरूकता शिविर का संचालन होगा। जिसके माध्यम से संभावित मरीजों की सामान्य स्क्रीनिंग कर जांच की जाएगी। जांच के पश्चात आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिया जाएगा। इस दौरान समाज के प्रत्येक व्यक्ति को कैंसर के प्रति जागरूक किया जाएगा। कैंसर का इलाज के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी। जांच के दौरान जिस व्यक्ति में कैंसर के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें समुचित इलाज के लिए बेहतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए पटना के बेहतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का चयन किया गया है। ऐसे मरीजों को समुचित इलाज के लिए भेजा जाएगा। पुरुषों में अधिकांश मुंह कैंसर होता है। जिसका मुख्य कारण है पान, गुटखा, खैनी, सिगरेट समेत अन्य नशीले पदार्थों का अति उपयोग करना। इसलिए, कैंसर से बचाव के लिए ध्रूमपान से परहेज करें और चिकित्सा परामर्श का पालन करें। सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया की हर साल वर्ल्ड कैंसर डे की एक थीम चुनी जाती है। इस साल की थीम है-“ क्लोज द केयर गैप: एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू कैंसर केयर”। इस थीम की मदद से कैंसर के सभी मरीजों को आसानी से इलाज करवाने का मौका मिल सके, इस बात पर जोर दिया गया है। पिछड़े देशों और आर्थरिक रुप से कमजोर मरीज, अक्सर कैंसर का इलाज बेहतर तरीके से नहीं करवा पाते हैं। इसलिए इस गैप को दूर करने के लिए इस थीम को चुना गया है। इसकी सब-थीम है, “टूगेदर वी चैलेंज दोज इन पावर”। इस सब-थीम की मदद से लीडर्स को कैंसर को खत्म करने के लिए संसाधनों की पूर्ति करवाने की जवाबदेही पर जोर दिया गया है। कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता जरूरी है। इससे बचाव के लिए इसके विभिन्न कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन मुंह कैंसर का प्रमुख कारण है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों की उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन का होना, तिल या मस्सों के आकार या रंग में परिवर्तन, लगातार बुखार या वजन में कमी, घाव का लंबे समय से नहीं भरना, 4 हफ्ते से अधिक समय तक अकारण दर्द का रहना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई या दर्द का होना, शौच से रक्त निकलना, स्तन में सूजन या कड़ापन का होना, 3 सप्ताह से अधिक लगातार खांसी या आवाज का कर्कश होना, असामान्य रक्त प्रवाह या मासिक धर्म के बाद भी रक्त का निकलना कैंसर के मुख्य संकेत है।