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किशनगंज : सामुदायिक संपर्क की जगहों जैसे साझा शौचालयों और स्नानघरों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत..

घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने की सख्त जरूरत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने जारी किए सरल दिशानिर्देश..

सार्वजानिक जगहों पर पैर से संचालित हैण्डवाशिंग स्टेशन इंस्टाल करने की जरूरत..

सामुदायिक शौचालयों के इस्तेमाल में भी सामाजिक दूरियों का रखें ख्याल..

किशनगंज/धर्मेद्र सिंह, कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने के सरकार द्वारा हर’ संभव प्रयास किये जा रहे हैं।कोविड-19 का प्रसार घनी आबादी वाले क्षेत्रों में तेजी से फैलने की आशंका होती है।इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा पत्र जारी कर विस्तार से दिशा निर्देश दिया गया है, जिसमें घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बेहतर सफाई एवं स्वच्छता की जरूरत पर बल देने की बात कही गयी है।साथ ही सामुदायिक स्तर पर जहाँ लोग शौचालय, कपड़े धोने या स्नान करने की सुविधाओं को साझा करते हैं, वहाँ विशेष रूप से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए साफ़-सफाई, स्वच्छता एवं सामाजिक दूरियाँ अपनाने की जरूरत पर बल दिया गया है।

संक्रमण के खिलाफ़ सबों को मिलकर करना होगा कार्य

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने जोर देकर कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत हरेक संदर्भ में सबसे प्रभावी और समर्थ उपाय लागू करने के लिए एक साथ आया है।हमारी घनी आबादी वाली जगह धारावी इसका एक उदाहरण है लेकिन वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है।पीएसए कार्यालय में इस टीम द्वारा प्रस्तुत मैनुअल में बताया गया है कि किस प्रकार सस्ती लेकिन प्रभावी उपकरण सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं।सामुदायिक संपर्क की जगहों जैसे साझा शौचालयों और स्नानागारों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।सामुदायिक नेताओं, गैर-सरकारी संगठनों, उद्योग जगत आदि से इन उपायों को लागू करने का आग्रह किया गया है।यह सुझाव दिया जाता है कि उद्योग जगत, गैर-सरकारी संगठन और इस बीमारी की रोकथाम में मदद करने वाली संस्थाएं विशेष रूप से घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में इन दिशा निर्देशों में बताए गए समाधान को अपनाने और उसे लागू करने में समुदायों और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर काम करें।

बेहतर साफ़-सफाई एवं स्वच्छता संक्रमण की रोकथाम के लिए पैर से संचालित हैण्डवाशिंग स्टेशन है जरुरी

सार्वजानिक स्थानों पर इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे हैंडल्स, घुंडी एवं दरवाजें समुदाय में रोग को फ़ैलाने वाले मुख्य स्रोत माने जाते हैं।इसलिए समुदायिक स्तर पर पैरों से संचालित हैण्डवाशिंग स्टेशन इनस्टॉल करने की सलाह दी गयी है ताकि संक्रमण का फैलाव सार्वजानिक जगहों पर कम हो।प्रस्तावित डिजाइन के तहत लॉकडाउन और आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी चुनौतियों के बावजूद सस्ती एवं स्थानीय तौर पर उपलब्ध सामग्रियों के इस्ते्माल से सामुदायिक स्वयंसेवकों और अधिकारियों द्वारा आसानी से स्वंय असेंबल किया जा सकता है।लोकल स्तर पर पैरों से संचालित हैण्डवाशिंग स्टेशन को लगभग 100 रूपये की लागत से निर्मित किया जा सकता है।पैरों से संचालित हैण्डवाशिंग स्टेशन न केवल संक्रमण की रोकथाम में प्रभावी होगा बल्कि इससे पानी का भी बचाव होगा।

ऐसे करें हाथ की धुलाई 

यदि आप सैनिटाईजर का इस्तेमाल करते हैं तब आपको कम से कम 20 से 30 सेकंड तक इसका इस्तेमाल करना चाहिए।जबकि साबुन एवं पानी से 40 से 60 सेकंड तक हाथ साफ करना चाहिए।

सामुदायिक शौचालयों के इस्तेमाल के दौरान रहें सचेत..

  • शौचालय में फेस मास्क का उपयोग करें।
    शौचालय के अंदर अपनी नाक, आँखें एवं मुँह को स्पर्श न करें।
    शौचालय के तुरंत बाद अच्छे से साबुन से हाथ साफ़ करें
    शौचालय के भीतर इधर-उधर न थूकें।
    सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करने के दौरान सामाजिक दूरी का रखें ख्याल।

इन बातों का भी करें पालन:

यदि किसी व्यक्ति को इन्फ्लुएंजा की तरह बीमारी दिख रही हो जैसे बुखार, ठण्ड लग्न, सूखी खाँसी, बहती नाक तो तुरंत नजदीकी आशा, आंगनबाड़ी या अन्य क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मी को जानकारी दें।

अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप को इंस्टाल करें।यह 11 भाषाओँ में उपलब्ध है जिसकी सहायता से आप कोरोना के खतरे से अवगत हो सकते हैं एवं फ्रंट लाइन वर्कर को रिपोर्ट भी कर सकते हैं।

मास्क पहनकर ही घर से निकलें।इसे पुनः इस्तेमाल करने के लिए गर्म पानी एवं साबुन से साफ़ करें एवं इसे धूप में सुखाएं।बेहतर सफाई एवं स्वच्छता से संक्रमण पर लग सकती है लगाम।

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