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किशनगंज : जानकारी और उचित परामर्श देकर लोगों का जीवन सवार रही हैं आशा, रेनू बसाक

महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी के प्रति भ्रांतियों को तोड़ने में मददगार साबित हो रही हैं आशा दीदी

पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि तत्काल मिलती हैकिशनगंज, 12 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अंधेरे के अनेक रूप होते हैं। इन्हीं में से एक रूप सामाजिक रूढ़ियों का होता है। जो इस अंधेरे को दूर कर बदलाव लाने की हिम्मत रखते वही समाज के सच्चे प्रतिनिधि होते हैं। गरीबी, बेराजगारी तथा महंगाई जैसी समस्याओं से बचाव के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई तरह के भ्रम फैलायी जाती है। इस भ्रम को तोड़ते हुए “छोटा परिवार सुखी परिवार” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए पुरुष वर्ग हमेशा आगे आता है। इसी क्रम में  जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से 16 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसको लेकर जिला से लेकर ग्राम स्तर तक लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। वहीं बहादुरगंज प्रखंड में कार्यरत आशा रेनू बसाक आज अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधित सलाह का दूसरा नाम है। जिन्होंने इस वर्ष अब तक 10 महिला बंध्याकरण करवाया है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने कहा कि शिक्षा से लोगों के बीच जागरूकता आती और इस वजह से कई कार्यक्रमों और योजनाओं को सफलता मिलती है। खासकर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर।  क्योंकि शिक्षित लोग जल्दी जागरूक होते और सेवाओं के प्रति रुचि लेते हैं। आशा रेनू बसाक बताती हैं कि परिवार नियोजन जैसी योजनाओं की बात करें तो जिले में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी जागरूक दिखाई दे रहे। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में नगर पंचायत क्षेत्र में शुरू शुरू में उनके द्वारा कही गई परिवार नियोजन साधन अपनाने की बात या उनसे होने वाले लाभ के बारे में तो लोग एक कान से सुनते और दूसरे कान से निकाल देते थे। लेकिन उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता को देखते हुए लोगों ने अपने हथियार डाल दिए। अब ऐसी स्थिति है कि लोग उन्हें घर से बुलाकर स्वास्थ्य संबंधित सलाह लेते हैं। रेणू जी, इस वर्ष  अभी तक 10 महिलाओं का बंध्याकरण, 17 महिलाओं को प्रसव पश्चात 48 घंटे के अंदर कॉपर टी, 11 महिलाओं को कॉपर टी, 16 महिलाओं को अंतरा की सुई और पुरुष एवं महिलाओं को आदर्श दंपत्ति हेतु जागरूक कर परिवार नियोजन का साधन अपनवाकर उनका लाभ दिला चुकी हैं। पुरुष एवं महिलाओं को आदर्श दंपत्ति हेतु जागरूक कर परिवार नियोजन का साधन अपनाने को प्रेरित कर उनका लाभ दिला चुकी हैं। जिसकी तारीफ प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रजिया सुल्ताना ने भी की है। निरीक्षण को आए राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुष की भी अहम भूमिका होती है। ऐसे में सुखी और खुशहाल परिवार के लिए दंपति को बराबर पहल करनी चाहिए। दो बच्चों के बाद यदि किसी कारण से महिला नसबंदी नहीं कर सकती है तो पुरुष को नसबंदी करा लेनी चाहिए। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पुरुष नसबंदी कराने के लिए जिलेभर में सारथी रथ जागरूक कर रहा है। सारथी रथ शहरी और ग्रामीण चौराहों पर खड़ा कर परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है। पखवाड़ा में हर स्वास्थ्य केंद्र के लिए पुरुष नसबंदी कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित अवधि में पुरुष नसबंदी लक्ष्य पूरा करना है। पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि तत्काल मिलती है। महिला नसबंदी कराने पर 2000 महिला को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते हैं। प्रसव के बाद तत्काल महिला नसबंदी पर 3000 और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन धनराशि की सुविधा है। उन्होंने कहा कि समाज को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण है।

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