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एसपी से निष्पक्ष जाँच की माँग पड़ा भारी, तस्करों के संरक्षक थानाध्यक्ष अम्बा ने शिकायत कर्ता ” रंजीत कुमार सिंह” को भेजा जेल ।

शराब एवं बालू माफिया, भ्रष्टाचारियों एवं अपराधकर्मियो,

अनिल कुमार मिश्रा :-के विरूद्ध आवाज उठाने वालो पर { ” पुलिस – अपराधी – विचौलिया गठजोड़ के तहत ” } होता है दमनात्मक कार्रवाई, पुलिस संरक्षित बालू माफिया ने एक शिकायत कर्ता पर किया हमला, तो दूसरे शिकायत कर्ता को थानाध्यक्ष अम्बा एवं सहायक दारोगा अनंत कुमार ने मरवा देने का दिया धमकी ,

अम्बा थाना के जूल्म व आतंक तथा झूठे मुकदमा से पीड़ित व प्रभावित जनता एवं पत्रकारों को कैसे मिलेंगे
निजात और कौन दिलायेगा न्याय ?

औरंगाबाद (बिहार) 11 सितंबर 2021 :- औरंगाबाद जिले में बालू के अवैध उत्खनन मामले में एसपी के विरूद्ध चंद माह पहले कार्रवाई हुआ है इसके बावजूद भी जिले के अम्बा थाना में पदस्थापित थानाध्यक्ष एवं संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को जरा सा भी कानून एवं सरकार का भय नहीं हैं । तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भी अम्बा थाना के संरक्षण में निर्वाधगति से सरेआम बालू का अवैध उत्खनन एवं चोरी तथा अवैध शराब के कारोबार एवं खुलेआम शराब कि विक्री हो रहा है । अलाधिकारियों से शिकायत के वावजूद भी अवैध बालू का उत्खन्न एवं चोरी और शराब का सरेआम विक्री और अवैध शराब के कारोबार अम्बा थाना क्षेत्र में रूकने का नाम नहीं ले रहा है और अवैध शराब के कारोबार एवं बालू चोरी का धंधा फल- फूल रहा है ।

बिहार में नीतीश सरकार का शराब बंदी कानून तथा अपराध पर नियंत्र की दावा पुरी तरह से अम्बा थाना में विफल साबित हो चूका है और पदेन थानाध्यक्ष अम्बा नीतीश कुमार के नीतिगत फैसले व आदेश व दिशानिर्देश , जिला प्रमंड़ल व राज्यस्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के आदेश व दिशा निर्दैश को ठेंगा दिखाने का काम करते आ रहे है । वहीं इनके कुकृत्यों
के सामने जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी तमाशबीन है। चाहे वजह जो भी हों,अगर यह कहा जाये कि जिला के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों पर अम्बा थाना के बिचौलिया एवं पदेन थानाध्यक्ष भारी पड़े आ रहे है और थानाध्यक्ष अम्बा के सामने वरीय पदाधिकारी नत्मस्तक और तमाशबीन हैं तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगें।

विडंबना

तस्करों एवं अपराधकर्मियो के बचाव हेतू अम्बा थान के पदेन थानाध्यक्ष ने एससी-एसटी एक्ट एवं झूठे मुकदमा को बनाया हथियार, समाज सेवियों व पत्रकारों पर अम्बा थाना में लगातार सरा झूठे व मनगढ़ंत दर्ज होते आ रहें है मुकदमा ।

अम्बा थाना के आतंक की छाये में विगत 12 वर्षो से जी रहें हैं पीड़ित परिवार,समाज सेवी व पत्रकार । न्याय की माँग करने पर अम्ब थाना के पदेन थानाध्यक्ष के उकसावे एवं बहकावें तथा संरक्षण में शिकायत कर्ताओं पर होते आ रहे हैं हमले। झूठे मुकदमा में पीड़ित व प्रभावित परिवार पत्रकारों एवं समाज सेवियों को जेल भेजने का प्रारंभ हैं कार्रवाई।

बताते चले की बिहार- सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम जनता से अपील करते हूए कहा था कि चाहे अपराधकर्मी कितना भी बड़ा से बड़ा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त क्यों न हों जनता को आगे आने पर कार्रवाई होगा कि दावा आज अम्बा थाना क्षेत्र में विफल साबित हो रहे है और बिहार सरकार के सुशासन ब्यवस्था में एक थाने दार के सामने प्रखंड़,अनुमंड़ल व जिले के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी नतमस्तक है तथा शराब व बालू माफिया,अपराधकर्मियो भ्रष्टाचारियों के संरक्षक अम्बा थानाध्यक्ष के विरूद्ध पर्याप्त साक्षय रहने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे है ।
सरकार के नीतिगत फैसला को जनहित में लागू कराने की माँग करने वालो पर लगातार हमले हो रहे है और एससी-एसटी एक्ट तथा अन्य अपराधिक झूठे मुकदमें दर्ज होते आ रहे है जिसकी निष्पक्ष जाँच, शिकायत के वावजूद भी नहीं हो पा रहा है।

आखिर यह जूल्म अम्बा थाना क्षेत्र में पीड़ितों एवं पत्रकारों के साथ कैसे रूकेगे।
जूल्म व अपराध रोकना किसकी जबाब देही हैं ।

घटनाओं की पुनरावृत्ति को क्यों नहीं रोका जा रहा है।
यह तमाम सवालों का जबाब पीड़ित व प्रभावित जनता , प्रबुद्ध वर्ग एवं पत्रकार जिला के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों तथा बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से
जानना चाहते है
बताते चले की प्रशासनिक विफलता के खिलाफ ,बिहार सरकार के विरुद्ध कुटुम्बा प्रखंड़ मुख्यालय अम्बा में दो चरणों मे 23+22 कुल 45 दिनों तक महाधरना का आयोजन किया गया था।
फल स्वरूप सरकारी योजनाओं की लूट मे शामिल कुटूम्बा बीड़ोओं सहित सभी पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज हुआ और जेपी आनदोलन संपूर्ण क्रांति मंच एवं गैर राजनीतिक संगठन, भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के साथ प्रखंड व अनुमंड़ल स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों का एक लिखित समझौता हुआ था कि पीड़ितों को न्याय व अधिकार मिलेगा और भ्रष्टाचार रूकेगे। कृत कार्रवाई की जानकारी दोनो संगठन के समाज सेवियों को भी दिया जायेगा।

समझौता पत्र के अनुपालन में प्रशासनिक अधिकारी
विफल रहे। समझौता पत्र का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतू प्रशासनिक विफलता एवं वादा खिलाफी के खिलाफ कुटूम्बा प्रखंड़ मुख्यालय अम्बा में महाधरना का आयोजन हुआ। 22 वें दिन आदर्श अचार संहिता की आड़ में समाज सेवियों की मांगों को कुचल दिया गया, फलस्वरूप जिन्हें जिला प्रशासन ने बचाने का काम किया था उनके विरूद्ध कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया गया, जिसमें धरणार्थियो के साथ लूट मचाने वाले और दलित परिवार को सार्वजनिक चौक पर दलित कहते हुए पिटाई व प्रताड़ित करने वाले आरोपियों कुटूम्बा प्रखंड़ के बीडीओ,अम्बा थाना के दो दारोगा सहित 10 पुलिस बल के विरूद्ध न्यायालय ने संज्ञान लिया, फलस्वरूप दमनात्मक कार्रवाई लगभग 07 वर्षो तक रूका और भ्रष्टाचार पर लगाम भी लगा।

कुटूम्बा प्रखंड़ के अधिकांश प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी वर्ष 2016 से बेलगाम हो गये और अम्बा थाना के संरक्षण में सरकारी संपदा की लूट, हरे पेड़ो की कटाई, आवैध बालू एव शराब के कारोबार की धंधा पुन: प्रारंभ हुआ है जो आज अंतिम प्रकाष्ठा पर है।जिसका प्रतिफल तस्करों के संरक्षक अम्बा थानाध्यह द्वारा अलाधिकारियों के जाँच के पहले शिकायत कर्ता को जेल भेज देने की कार्रवाई है। जो इस प्रकार हैं:-

बालू व शराब माफियाओं, भ्रष्टाचारियों एव अपराधकर्मियो के वरदान साबित हो रहे एससी-एसटी एक्ट एवं अम्बा के पदेन थानाध्यक्ष।

अम्बा थाना के आतंक की छाये में विगत 12 वर्षो से
जी रहें हैं पीड़ित परिवार,समाज सेवी व पत्रकार । न्याय की माँग करने पर अम्ब थाना के पदेन थानाध्यक्ष के उकसावे एवं बहकावें तथा संरक्षण में शिकायत कर्ताओं पर होते आ रहे हैं हमले। झूठे मुकदमा में पीड़ित व प्रभावित परिवार पत्रकारों एवं समाज सेवियों को जेल भेजने का प्रारंभ हैं कार्रवाई।

थानाध्यक्ष अम्बा के कुकृत्यों के निष्पक्ष जाँच का माँग पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद से किया तो तस्करों के संरक्षक थानाध्यक्ष ने शिकायत कर्ता रंजीत कुमार सिंह को ही भेज दिया जेल ।

तस्करों एवं अपराधकर्मियो के संरक्षक अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष के विरूद्ध जाँचोपरान्त जिला प्रशासन ने नहीं किया कार्रवाई तो सड़क मार्ग से जिला और जिला से पटना मुख्य मंत्री तक फरियाद लेकर पहूँचेगे समाज सेवी व पत्रकार तथा तस्करों के संरक्षक के विरूद्ध कार्रवाई का सरकार से करेंगे माँग।

फिर भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो अनिश्चित कालीन महाधारन पर बैठेगे समाज सेवी एवं पीड़ित व प्रभावित पत्रकार , जन आंदोलन भी होंगे तेज होगें ।

उक्त बातें पीड़ित व प्रभावित जनता,समाज सेवियों एवं पत्रकारों ने मीड़िया के माध्यम जिला प्रशासन एवं सरकार से कहीं है।

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