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किशनगंज: 2.30 लाख से अधिक जीविका दीदियाँ आत्मनिर्भरता की ओर, रोजगार-संवर्धन में जुटी जिला प्रशासन की सक्रिय भूमिका

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी निभा रहीं नेतृत्वकारी भूमिका

किशनगंज,15जुलाई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में 2 लाख 30 हजार से अधिक जीविका दीदियों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बैंकों से जोड़कर ऋण की सुलभ व्यवस्था, सूक्ष्म उद्यम, नकदी फसलों का उत्पादन, पशुपालन, और कुटीर उद्योग जैसे कार्यों के माध्यम से दीदियां अब आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं।

इस संबंध में नव नियुक्त जिला परियोजना प्रबंधक अनुराधा चंद्रा ने जीविका कर्मियों के साथ एक बैठक आयोजित कर स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले में छूटे हुए परिवारों को शीघ्र समूह से जोड़ा जाए तथा सभी दीदियों को रोजगार और उद्यम से जोड़कर आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाए।

20,049 स्वयं सहायता समूह और 2,600 से अधिक दीदियां सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित

किशनगंज जिले में वर्तमान में 20,049 स्वयं सहायता समूह, 1,458 ग्राम संगठन और 32 संकुल स्तरीय संघ सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत 2,600 से अधिक दीदियों को अब तक लाभ प्रदान किया जा चुका है। डीपीएम अनुराधा चंद्रा ने बताया कि यह पहल आधी आबादी के सशक्तिकरण का एक सशक्त मॉडल बन रही है।

सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी दीदियों की अहम भूमिका

महिलाएं सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार के कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं। बाल विवाह रोकथाम, दहेज प्रथा का विरोध, नशामुक्ति अभियान जैसे क्षेत्रों में जीविका दीदियाँ अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। नियमित बैठकें, बचत, आपसी ऋण, समय पर ऋण वापसी जैसे अनुशासित कार्यों से वे न केवल संस्था को मज़बूती दे रही हैं, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।

“घर की चारदीवारी से निकलकर नेतृत्व की ओर”

डीपीएम ने कहा कि जीविका के माध्यम से महिलाएं अब मुखर होकर अपने हित के लिए बोल रही हैं, निर्णय ले रही हैं, और अपने परिवार व समाज के आर्थिक-सामाजिक विकास में कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रही हैं।

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