किशनगंज : बदलते मौसम में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर रखें विशेष ध्यान।

मौसम में बदलाव के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है असर।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बदलते मौसम में विशेषकर नवजात शिशुओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि नवजात शिशु शरीर का तापमान अच्छे ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाते और उन्हें बहुत जल्दी सर्दी या गर्मी लग सकती है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने गुरुवार को को बताया कि बदलते मौसम में शिशुओं की ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।ध्यान रखें कि चाहे कोई भी मौसम हो जरूरी है कि आप सोते समय शिशु के शरीर का तापमान न बढ़ने दें। दिन में तेज धूप और रात को पड़ रही ठंड लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। मौसम को लेकर लापरवाही बरतने वाले लोग बीमार पड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को हो रही है। इससे खांसी, जुकाम और फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अक्टूबर माह खत्म होने को है और ठंड दस्तक देने लगा है। दिन के समय थोड़ी गर्मी रहती है तो रात को मौसम ठंडा हो जाता है। ऐसे में खानपान और रहन-सहन में जरा-सी लापरवाही लोगों को बीमार कर रही है। इन दिनों सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों में जलन, पेट दर्द जैसी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। सदर अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीज खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं। उन्होंने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर कहते हैं कि जिन लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां जल्दी होती हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए दिन में एक या दो बार ग्रीन या ब्लैक टी का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा विटामिन डी और सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू और आंवले का सेवन करें। मौसम में परिवर्तन का सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है। बदलते मौसम में उचित देखभाल में कमी होने से वे जल्दी खांसी, जुकाम की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
क्या करें :
शिशुओं को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराएं, बच्चों को पानी उबालकर या फिल्टर कर देना चाहिए। छोटे बच्चों के गीले कपड़े समय पर बदलते रहने चाहिए, एवं पंखे या कूलर के नीचे न सुलाएं। अभी बच्चों को पतला चादर जरूर ओढ़ाएं।
क्या न करें :
बच्चों के साथ बड़े भी ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें। ज्यादा तैलीय चीजों को खाने से परहेज करें। धूप से आने के बाद तुरंत पंखे के नीचे न बैठें। रात में पंखे या एसी का भी प्रयोग न करें।