किशनगंज में कालाजार उन्मूलन अभियान तेज, हर घर तक पहुंचा छिड़काव

किशनगंज,02अगस्त(के.स.)। बालू मक्खी से फैलने वाला गंभीर वेक्टर जनित रोग कालाजार अब किशनगंज में हार मानने को मजबूर है। भारत सरकार के 2030 तक पूर्ण उन्मूलन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जिले में द्वितीय चक्र का एसपी (सिंथेटिक पाइरेथ्रॉयड) छिड़काव अभियान तेजी से चल रहा है। शनिवार को टेढ़ागाछ प्रखंड में बीएचएम अजय साहा ने छिड़काव कार्य का निरीक्षण कर टीमों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी लक्षित घर छूटे नहीं। जनता का सहयोग मिला तो यह अभियान कालाजार के खिलाफ निर्णायक साबित होगा।”
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा, “किशनगंज को कालाजार मुक्त बनाना हमारा प्राथमिक लक्ष्य है। प्रशासनिक प्रयास और समुदाय की भागीदारी से हम 2030 से पहले ही इस बीमारी को समाप्त कर सकते हैं।”
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी (VBDCO) डॉ. मंज़र आलम ने बताया कि छिड़काव के प्रभावी होने के लिए लोगों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा, “घर खाली करना, खाने-पीने की चीज़ें ढकना और छिड़काव के बाद कुछ घंटे घर बंद रखना बेहद जरूरी है। जनता की सजगता से ही यह अभियान सफल होगा।”
दिघलबैंक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित Kala-azar Key Informant प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने “हर रोगी तक पहुंचेंगे, हर गांव को कालाजार मुक्त बनाएंगे” का संकल्प लिया। डॉ. आलम ने कहा कि समय पर पहचान और नि:शुल्क इलाज ही कालाजार उन्मूलन की कुंजी है।
कालाजार से बचाव के उपाय:
- बालू मक्खी से बचाव हेतु एसपी छिड़काव करवाएं
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- घर की दीवारों को साफ और प्लास्टरयुक्त रखें
- समय पर जांच और मुफ्त इलाज कराएं
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कालाजार रोगियों को निःशुल्क इलाज, ₹6600 तक की आर्थिक सहायता और पोषण आहार योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रशासनिक निगरानी, प्रशिक्षित टीमों की मेहनत और जनता के सहयोग से किशनगंज कालाजार उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा चुका है।
रिपोर्ट/धर्मेन्द्र सिंह