नवेंदु मिश्र
दिल्ली – 23 सितंबर झारखंड आएगी चुनाव आयोग की टीम,मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम दो दिनों तक झारखंड में चुनाव संबंधित तैयारियों एवं सुरक्षा को लेकर करेगी कई बैठक।
सूचना के अनुसार अक्टूबर के प्रथम सप्ताह राज्य में आचार संहिता लगने के आसार हैं ।ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि अब सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी समर में कूदने को तैयार हो जाए और जनता से जुड़ाव को तेज कर दें, तभी उनकी नैया पार होने वाली है। ऐसा देखा जाता है कि बड़े-बड़े दल अपने बड़े नेताओं के चेहरे का प्रयोग करके प्रत्याशी को जनता परथोपने का कार्य करते हैं। वे ऐसा राजनीतिक लाभ के लिए करते हैं और उन्हें सफलता भी मिल जाती है।
देखने वाली बात यह भी होगी कि क्या जनता उन्हें सिरे सेनाकार देगी या पुचकारेगी। विगत लोकसभा चुनाव में ऐसा ही हुआ सारे काम करने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर बहुमत की सरकार नहीं बना सकी । तो क्या ऐसे में पुराने चेहरों पर या नए चेहरों पर विश्वास करना आत्मघाती सिद्ध होगा। या फिर जो लोग क्षेत्र में रहकर के लगातार काम कर रहे हैं और जनता से मिल रहे हैं । जनता को अपने यहां भी आने पर उनके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें ही टिकट मिलेगा या फिर कोई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे और उन्हें उसका लाभ मिल टिकट के रूप में मिल जाएगा अर्थात जनता पर उम्मीदवार को थोपने का कार्य होगा। यह तो आने वाला समय ही बताएगा वैसे जनता अलग ही मूड में दिख रही है। इस बार चेहरा पर वोट होने वाला है क्योंकि यह कोई राष्ट्रीय चुनाव नहीं है कि देशगढ़ना है इस बात से काम नहीं चलने वाला है, बल्कि यह नाली-गली का चुनाव है। अच्छे ईमानदार और पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही जानता पसंद करती है और उन्हें विजय श्री का माल भी पहनाती है । वैसे भी कहा जाता है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।