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जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि कौटिल्य के अर्थशास्त्र में राजधर्म के विषय में कहा गया है कि ‘ प्रजासुखे सुखं राज्ञः’ अर्थात प्रजा के सुख में ही राजा का सुख निहित है । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे पूरी तरह चरितार्थ कर रहे हैं ।
ऋषिकेश पाण्डेय /हाड़ तोड़नेवाली कंपकंपाती ठंड में जिस तरह वह प्रगति यात्रा के जरिए लोगों से मिलने पहुंच रहे वह बिहार के शासकीय इतिहास की अनोखी घटना है। आजादी के बाद शायद ही बिहार के किसी मुख्यमंत्री ने इतनी उच्चस्तरीय जन जवाबदेही प्रदर्शित की हो । जिस मुख्यमंत्री पद को लालू यादव ने अपनी अगंभीरता और मसखरेपन से पूरे देश में हास्य का पात्र बना दिया था, उसी पद को नीतीश कुमार ने अपनी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से श्रद्धा का विषय बना दिया। नीतीश कुमार ने अपनी कर्मठता से देश के सारे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने एक नया आदर्श प्रस्तुत किया है। प्रगति यात्रा से निकलनेवाले निष्कर्ष बिहार के समावेशी विकास को नयी रफ्तार देंगे और विकसित बिहार की नयी इबारत लिखेंगे, इसमें कोई शक नहीं!