राजनीति

*जन सुराज पार्टी ने हज भवन में बिहार बदलाव कांफ्रेंस का किया सफल आयोजन, बिहार भर से 3000 मुस्लिम बुद्धिजीवी हुए शामिल*

श्रुति मिश्रा/प्रशांत किशोर ने हज भवन के लिए जन सुराज इजलास को किया संबोधित, बोले – मुस्लिम समाज अब तक लालटेन में तेल बनकर जलता रहा, अब लालटेन की रौशनी बुझने वाली है

पीके ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से कहा- देश के 50% से अधिक हिंदू भाजपा के खिलाफ, उनमें 20% भी मुस्लिम समाज के साथ आ गए तो हमारी लड़ाई जीती हुई समझिए

जन सुराज पार्टी ने पटना के हज भवन में बिहार बदलाव कांफ्रेंस का सफल आयोजन किया। हज भवन में आज बिहार भर से 3000 से ज्यादा मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर से संवाद करने के लिए आए। इनमें 50 से अधिक प्रोफेसर, शिक्षक और अन्य समाजसेवी शामिल रहे। साथ ही 250 के करीब लोगों ने जन सुराज की सदस्यता ली।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारी यात्रा से आज करीब सवा करोड़ लोग जुड़े हैं, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं। मुस्लिम समाज ने जन सुराज को जोड़ने में बड़ी भूमिका अदा की है, इसके लिए आपका शुक्रिया करते हैं। मुसलमान समाज के लोग आज तक लालटेन का तेल बनकर जलते रहे हैं। लेकिन अब लालटेन की रौशनी बुझने वाली है।

उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप हमारे साथ आए तो हम अगले दो साल में पूरे देश की राजनीति की दिशा बिहार की ओर कर देंगे। हम आपकी चिंता को 2027 में ही निपटा देंगे। 2029 तक नहीं जाने देंगे। बिहार के बाद आपकी लड़ाई यूपी में लड़ी जाएगी। पश्चिम बंगाल में मुस्लिम समाज ने मेरी बात मानी। देखिए अब वहां यूसीसी-एनआरसी सब खत्म हो गया है।

*पीके बोले- देश के 50% से अधिक हिंदू भाजपा के खिलाफ, उनमें 20% भी मुस्लिम समाज के साथ आ गए तो हमारी लड़ाई जीती हुई समझिए*

प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज जो काम बिहार में कर रहा है, वो सिर्फ बिहार की लड़ाई नहीं है। देश के 50% हिंदू जो भाजपा से लड़ रहे हैं, उनमें 20% भी हमारे साथ आ जायें तो हमारी लड़ाई जीती हुई समझ लीजिए। हिंदुओं की आधी आबादी ऐसी है, जो गांधी, बाबासाहब, लोहिया, समाजवाद और कम्युनिस्ट विचारधारा को मानती है। गांधी को, लोहिया को या समाजवाद और कम्युनिस्ट विचारधारा मानने वाले लोगों ने आजादी की लड़ाई लड़ी है, भाजपाइयों ने नहीं लड़ी।

उन्होंने आगे कहा कि हम 2014 में मोदी को जिताने में भी कंधा लगाये थे। उसके बाद हम बिहार में काम शुरू किए और एक साल के अंदर ही भाजपा को बिहार में 55 पर समेट दिए। इसलिए आपलोग पीछे मत रहिए। जैसे आप कहते हैं कि देश की आजादी में हमने भी खून-पसीना बहाया है। वैसे ही जब यह इतिहास लिखा जाए कि बिहार को बनाने में एक नई लड़ाई लड़ी जा रही थी, तब यह भी लिखा जाए कि आपने भी अपना खून-पसीना बहाया था। यह बात न हो कि मुस्लिमों ने जन सुराज का साथ इसलिए दिया कि उन्हें 40 सीटें मिली, बल्कि बात इसलिए हो कि आपने बिहार को बदलने में सहयोग किया।

*पीके ने दिया इंडी अलायंस को चैलेंज, कहा- मुस्लिमों को उचित भागीदारी दें, आपके जहां मुस्लिम कैंडिडेट, हम वहां हिंदू ही लड़ायेंगे*

प्रशांत किशोर ने कहा कि आपलोगों को SIR से डरने की जरूरत नहीं है। आप यह चिंता मत करिए कि SIR में 10 नाम काटा जाएगा। कोई चिंता नहीं है, 90 लोग रहेंगे, वही इन सरकारों को हटाने के लिए काफी हैं। डर यह नहीं है कि कुछ लोगों का नाम कट जाएगा। डर यह है कि जिनका नाम है, उनका वोट सही जगह पर जाए। हम इंडिया अलायंस को चैलेंज देते है कि आप मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व दीजिए। आपके जहां भी मुस्लिम कैंडिडेट होंगे, वहां हम मुस्लिम को टिकट नहीं देंगे। हम वहां हिंदू को ही लड़ायेंगे।

उन्होंने कहा कि आपके वोट की बड़ी क़ीमत है। इसलिए भीड़ का हिस्सा मत बनिए। हमलोग हैं, आपके लिए लड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सभी लोगों को नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा। आप अल्लाह को छोड़कर किसी से मत डरिए। आपने इतना सबकुछ देख लिया, भाजपा, मोदी-योगी का शासन, यूसीसी-एनआरसी देख लिया। अब क्या डरना है?

बिहार बदलाव कांफ्रेंस को प्रशांत किशोर के अलावा प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, चुनाव अभियान समिति के संयोजक किशोर कुमार मुन्ना ने भी संबोधित किया। मंच पर पार्टी के बड़े मुस्लिम नेताओं में शामिल एमएलसी अफाक अहमद, महासचिव सरवर अली, दानिश ख़ान, कोर कमिटी मेम्बर डॉ शाहनवाज, आज़म हुसैन अनवर, मो अबदुल्ला, डॉ सारिक ग़ाज़ी, कार्यक्रम के कन्वेनर वसीम नैयर अंसारी मौजूद रहे। मंच संचालन पार्टी प्रवक्ता तारिक अनवर चंपारणी और अबू अफ़ान फारूकी ने किया।

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