रिटर्न गिफ़्ट vs दहेज।…

पटना डेस्क:-सनातनी विवाहों में, प्रियजनों द्वारा वर वधु को, कुछ न कुछ
उपहार दिया जाता हैं और उसके बदले में परिवार वालों की
ओर से भी, मेहमानों को कुछ न कुछ याद के तौर पर दिया
जाता हैं, यहाँ तक कि किसी की मृत्यु संस्कार के बाद के
कार्यक्रमों में, मेहमानों को, बर्तन, गहने आदि देने का चलन हैं,
चूँकि यह क्रिया हिंदी में हैं और सनातनी हैं, इसलिए इससे
परिवार वालों पर आर्थिक बोझ बढ़ता हैं, यह पाखंड
हैं, प्रताड़ना हैं, लेकिन अगर आप आधुनिक हैं, संविधान को
मानते हैं, तो, विवाह आदि कार्यक्रमो में मेहमानों को रिटर्न
गिफ्ट दे सकते हैं और माता पिता भी फ्लैट, गाड़ी, जूलरी आदि
गिफ़्ट भी अपने पुत्र पुत्री को दे सकते हैं। बस याद रखिए,
अगर आप हिंदी में उपहार देंगे, तो वह दहेज़ हो जाएगा और
अंग्रेजी में गिफ़्ट देंगे, तो वह सहज हो जाएगा। गिफ़्ट या रिटर्न
गिफ़्ट देने आपसी सम्बन्द्ध मज़बूत होते हैं और उपहार देने
से, परिवार वालों पर, अकारण ही आर्थिक बोझ बढ़ जाता हैं।
गिफ़्ट देंगे तो कानून साथ देगा और उपहार देंगे, तो प्रताड़ना का
केस हो जाएगा। विजय सत्य की होगी।