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*मंहगाई कम करने के बजाय तरकारी बेचने में लग गई नीतीश सरकार – डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह*

ऋषिकेश पांडे/प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्त मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा सोमवार को पेश बिहार के बजट को बेजान, बेअसरदार और उम्मीद के प्रतिकूल करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी साल के बजट में उम्मीद थी कि इसमें रोजगार की बात होगी, मंहगाई को कम करने की कम से कम तात्कालिक कोशिश होगी, युवाओं के लिए रोजगार युक्त प्रशिक्षण की बात होगी, महिलाओं को 500 रूपये में गैस सिलेन्डर मुहैया कराने की बात होगी, डीजल-पेट्रोल पर वैट घटाकर मंहगाई पर नकेल कसने की बात होगी, किसान के लिए एमएसपी की बात होगी लेकिन सब के सब ढाक के तीन पात। चूंकि डबल इंजन की सरकार का यह आखिरी बजट है इसलिए बड़ी उम्मीद थी कि बिहार वासियों को कम से कम मंहगाई और बेरोजगारी की मार से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन मंहगाई को कम करने के बजाय सरकार तरकारी आउटलेट के जरिए मुनाफा कमाने की कोशिश में लग गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा नीतीश के सात निश्चय का कतरा भी बजट से गायब है। मेरी समझ में एक बात नहीं आती कि करीब 3 लाख 17 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया है और 3 लाख 32 हजार करोड़ का ऋण है तो ये पैसे कहाँ से आयेंगे और कैसे चुकाये जाएंगे। हकीकत यह है कि बजट को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है। यह सब हवाबाजी है और कुछ नहीं है।

 

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