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*बापू टावर में विश्वरूप राम: रामायण की सार्वभौमिक विरासत प्रदर्शनी का शुभारंभ*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। बिहार म्यूजियम बिनाले 2025 की श्रृंखला के अंतर्गत आज बुधवार को पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर संग्रहालय में “विश्वरूप राम – रामायण की सार्वभौमिक विरासत” शीर्षक से विशेष प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलन के साथ इस प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर बापू टावर के निदेशक विनय कुमार, उप निदेशक ललित कुमार सिंह, बिहार संग्रहालय के अधिकारी, प्रख्यात कलाकार और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं कला प्रेमी उपस्थित रहे।
यह प्रदर्शनी 24 सितम्बर से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर 2025 तक आमजन के लिए खुली रहेगी। इसमें आगंतुकों को रामायण की वैश्विक यात्रा को करीब से देखने और समझने का अवसर मिलेगा। यह कार्यक्रम भारत समेत वैश्विक दक्षिण के देशों में रामायण की विविध कलात्मक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को एक मंच पर लाएगा।
म्यांमार के रंगमंचीय प्रदर्शन के लिए श्री राम का मुखौटा, गुरूड़ का मुखौटा, रावण का मुखौटा, थाईलैंड की गरूड़ मूर्ति, कंबोडिया के हनुमान का मुखौटा, रामायण का अरबी एवं फारसी अनुवाद सहित अन्य कई कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। 15 से अधिक देशों की सामग्रियों, पांडुलिपियों और छवियों के माध्यम से, यह प्रदर्शनी राम के अनेक रूपों को प्रदर्शित करती है।

रामायण एक प्राचीन महाकाव्य है जो भगवान राम की एक कहानी नहीं बल्कि कई कहानियों का ऐसा समूह है जो अलग-अलग समय, भाषा और जगहों की झलक दिखाता है। प्रदर्शनी में यह दर्शाया गया है कि रामायण केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर नहीं, बल्कि एशिया और विश्व के अनेक देशों की परंपराओं, कलाओं और जीवनदर्शन में गहराई से रची-बसी है। इस आयोजन में कला प्रदर्शनी, इंटरैक्टिव सत्र, पैनल डिस्कशन, कार्यशालाएं और लाइव परफॉर्मेंस सहित कई कार्यक्रम शामिल होंगे, जो सभी उम्र के दर्शकों के लिए ज्ञानवर्धक होंगे।

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