शिक्षा विभाग द्वारा विभाग के विभागीय सभागार में आयोजित जल-जीवन-हरियाली दिवस का उदघाटन मिशन निदेशक, जल-जीवन-हरियाली मिशन श्रीमती अभिलाषा शर्मा द्वारा पौधे में जलार्पण कर किया गया।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मिशन निदेशक द्वारा बताया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान सम्पूर्ण मानव जगत को सुरक्षित रखने वाली एक व्यापक एवं बहुआयामी सोच पर आधारित अभियान है जिसके द्वारा हम अपने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन में हो रहे अप्रत्याशित बदलाव के दुष्परिणामों से निपटने के लिए कार्य कर रहे है। परिचर्चा का विषय-सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में छत वर्षा जल संचयन की सरंचनाओं का निर्माण एवं युवाओ में अभियान सबंधी जागरुकता का प्रसार के संबंध में बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के क्रियान्वयन में शिक्षा विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं। इस विभाग द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के आरंभ से ही विद्यालयों, महाविद्यालयों के माध्यम से जल- जीवन-हरियाली अभियान हेतु जनजागरुकता एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है जिससे की अभियान के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण किया जा सके।
आज के इस बदलते जल परिदृश्य को देखते हुए युवाओं में छत वर्षा जल संचयन के उपयोगिता के महत्व एवं इसके विभिन्न आयामों को प्रचार-प्रसार कर उनमें चेतना का विकास किया जा रहा है, जिससे की भविष्य में आने वाली जल चुनौतियों से निपटा जा सके, उन्हें जागरूक किया जा रहा है ताकि जल के खपत में कमी लायी जा सके एवं जल-जीवन- हरियाली के माध्यम से जल-प्रबंधन को सहजता से सुदृढ़कर, जलापूर्ति के विभिन्न उपायों का लाभ वृहत पैमाने पर लिया जा सके तथा बिहार को शीघ्र ही जल परिपूर्ण प्रदेश बनाया जा सके।
साथ ही, इस जल-जीवन-हरियाली दिवस के कार्यक्रम में किलकारी के बच्चों द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान पर आधारित कविता एवं गाने के माध्यम से वृक्ष लगाने, वृक्ष को बचाने, जल सरंक्षण, गौरैया सरंक्षण का सन्देश दिया गया। इस अवसर पर उप मिशन निदेशक, जल-जीवन-हरियाली मिशन श्री राम कुमार पोद्दार, उप सचिव श्री कृष्णा उरॉय, सहायक राज्य परियोजन निदेशक श्री दिलीप कुमार आदि ने भी जल-जीवन-हरियाली अभियान के महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभिन क्रियान्वयन विभागों के पदाधिकारीगण / कर्मीगण उपस्थि हुए।