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किशनगंज : भीषण गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन में जुटा, रखी जायेगी बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं पर विशेष नजर।

अस्पतालों में मरीजों की चिकित्सा को ले डेडिकेटेड वार्ड बनाने का दिया निर्देश, वार्डों में 24 घंटे चिकित्सक व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने को कहा, अस्पतालों में दवा, बेड, चिकित्सा, पेयजल की समुचित व्यवस्था का निर्देश।

किशनगंज/धर्मेंद्र सिंह, जिले में भीषण गर्मी एवं लू के मद्देनजर स्वास्थ्य महकमा सचेत हो गया है। इससे पीड़ित होने वाले मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने अधीक्षक एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि गर्मी व लू के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्ग एवं गर्भवती एवं धात्री माताओं को बाहर निकलना पड़ता है। इस स्थिति में किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मद्देनजर बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन सुनिश्चित किया जाय। वहीं पेयजल की भी व्यवस्था होनी चाहिये। इसके तहत सभी सरकारी अस्पतालों में डेडिकेटेड वार्ड, दस्त अतिसार से संबंधित दवाओं का भंडारण, एंबुलेंस की सुविधा, चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने को कहा गया है।

डेडिकेटेड वार्ड में हो 24 घंटे चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति :

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि विभाग ने संबंधित मरीजों के बेहतर चिकित्सा के लिये डेडिकेटेड वार्ड बनाने को कहा है। उसमें मुकम्मल बेड की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है। चिकित्सा व्यवस्था के मद्देनजर चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रोस्टर के अनुसार सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही वार्ड में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक औषधि एवं मेडिकल डिवाइस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जरूरी पड़ने पर 24 घंटे ऑन कॉल डॉक्टरों को रहने को कहा गया है।

एंबुलेंस में हो एयर कंडीशन की सुविधा :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजीम ने बताया कि विभागीय निर्देश के अनुसार मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशन की क्रियाशीलता, ऑक्सीजन व आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करने को कहा है, ताकि मरीजों को परेशानी ना हो सके।

इसके लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है :

  • खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलें।
  • सुपाच्य व हल्के भोजन का करें सेवन एवं खूब पानी पीयें।
  • अत्यधिक शीतल पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें।
  • रात्रि में देर रात तक नहीं जागें एवं कम से कम 8 घन्टे की नींद जरूर लें।
  • अत्यधिक वजन वाले लोग गर्मी के दिनों में वसायुक्त भोजन सेवन करने से बचें।
  • हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें।
  • धूप के चश्मा के साथ तौलिया/गमछा या छतरी का उपयोग करें।
  • खाली पैर न घूमे, जूता या चप्पल जरूर पहनें।

दैनिक दिनचर्या एवं आहार परिवर्तन जरूरी :

सिविल सर्जन डॉ किशोर ने कहा, गर्मी के बढ़ने से पसीना चलना शुरू होता है जिससे शरीर में पानी की मात्रा में तेजी से कमी आती है। इसलिए इस मौसम में प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करना फायदेमंद है। इसके साथ ही रसेदार मौसमी फलों का सेवन भी शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में सहायक होता है। नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू पानी, आम का शर्बत, लस्सी, तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, कच्चे प्याज सत्तु, पुदीना, सौंफ आदि का सेवन के साथ मौसमी फल भी खाना चाहिए। साथ ही, हमें अपने शरीर की रक्षा के लिए दैनिक दिनचर्या में भी बदलाव करना होगा।

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