सहकारिता विभाग के राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में सहकारी बैंकों तथा सब्जी उत्पादक प्रसंस्करण एवं विपणन को सुदृढ़ करने पर दिया गया जोर

अविनास कुमार/सहकारिता मंत्री ने दुबई में भेजे गये सब्जियों के ट्रायल शिपमेंट को बताया सफल
अन्य देशों से भी आ रही है सब्जियों की माँग
दीप नारायण सिंह क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान, शास्त्रीनगर, पटना में सहकारिता विभाग के राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में डॉ. प्रेम कुमार, माननीय सहकारिता मंत्री, श्री धर्मेन्द्र सिंह, सचिव, सहकारिता विभाग तथा श्री अंशुल अग्रवाल, निबंधक, सहयोग समितियाँ के द्वारा प्रमंडलवार उपस्थित विभागीय पदाधिकारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में धान अधिप्राप्ति, गेहूँ अधिप्राप्ति, बिहार राज्य फसल सहायता योजना, गोदाम निर्माण, मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना, अंकेक्षण, चक्रीय पूंजी की वसूली, ए.सी./डी.सी. विपत्र, ई-डैशबोर्ड / माननीय मुख्यमंत्री के जनता दरबार संबंधी अनुपालन, नीलाम पत्र वाद, माननीय उच्च न्यायालय से संबंधित मामले इत्यादि बिन्दुओं पर गहन समीक्षा की गई।
विदित है कि 15 जून, 2025 तक अधिप्राप्ति, धान का सी.एम.आर. मिलिंग कर राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया जाना है तथा गेहूँ अधिप्राप्ति की भी अंतिम तिथि है। सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों को यह स्पष्ट निदेश दिया गया कि राज्य खाद्य निगम को ससमय सी.एम.आर. एवं गेहूँ की आपूर्ति कराई जाए। गोदाम निर्माण की विभागीय योजनाओं में तीव्रता लायी जाए तथा वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक निर्गत कार्यादेशों को ससमय पूर्ण कराया जाए। बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि 534 प्रखंडों में से 498 प्रखंडों में पी.वी.सी.एस. का गठन कर लिया गया है। शीघ्र ही 36 प्रखंडों में भी पी.वी.सी.एस. का गठन एवं निबंधन कराये जाने का निदेश दिया गया। राज्य के 9 प्रमंडल स्तरीय सब्जी उत्पादन एवं विपणन संघ में से 4 का गठन कर लिया गया है। शेष 5 संघों का शीघ्र गठन करने का निदेश दिया गया। पूर्व से गठित प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों को सक्रिय बनाने हेतु सतत् अनुश्रवण का निदेश दिया गया। जिन समितियों का अंकेक्षण एवं निर्वाचन देय है, वहाँ त्वरीत कार्रवाई का निदेश दिया गया।
सहकारी बैंकों की समीक्षा के क्रम में डिपॉजिट बढ़ाने के लिए ग्राम स्तर पर कैंप लगाने तथा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम चलाने का निदेश दिया गया। बैंकों के एन.पी.ए. को भारतीय रिजर्व बैंक के मानक के अनुसार 5% या उससे कम रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निदेश दिया गया। सभी बैंकों की उपविधि में आवश्यक संशोधन कर शेयर कैपिटल बढ़ाने का प्रावधान करने, सभी निबंधित एफ.पी.ओ. का खाता सहकारी बैंक में खुलवाने तथा अधिक से अधिक किसानों के मध्य के.सी.सी. वितरण करने का निदेश दिया गया। साथ ही एफ.पी.ओ. की सक्रियता बढ़ाने के लिए सदस्यों की संख्या बढ़ाकर न्यूनतम 300 सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है।
माननीय मंत्री महोदय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष धान अधिप्राप्ति गत् वर्ष की अपेक्षा लगभग 21% अधिक हुई है। इसका ससमय फोर्टिफायड सी.एम.आर. राज्य खाद्य निगम को आपूरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हाल ही में वेजफेड के द्वारा दुबई (यू.ए.ई.) को 1500 कि.ग्रा. सब्जियों का ट्रायल शिपमेंट भेजा गया है, जो सहकारिता विभाग के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इस उपलब्धि के पश्चात् अन्य देशों यथा मध्य पूर्व एशियायी देशों तथा दक्षिण पूर्व एशियायी देशों, नेपाल आदि से भी सब्जी की माँग प्राप्त हो रही है। बिहार के किसानों को इसका सीधा लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक राज्य के सहकारिता योजनाओं की रीढ़ है इसे मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि इन बैंकों की डिपॉजिट को बढ़ाया जाए तथा अधिक से अधिक खाता खुलवाया जाए। इस संबंध में गुजरात से आए गुजरात राज्य सहकारी बैंक के दो पदाधिकारियों ने “सहकार से समृद्धि” पर एक प्रस्तुतीकरण देते हुए सहकारी बैंकों की राज्य के विकास में अहम भूमिका बताई।
बैठक में श्री धर्मेन्द्र सिंह, सचिव, सहकारिता विभाग, श्री अंशुल अग्रवाल, निबंधक, सहयोग समितियाँ, श्री प्रभात कुमार, अपर निबंधक, स.स., प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य सहकारी बैंक, सारण, तिरहुत, कोशी, पूर्णिया एवं दरभंगा के प्रमंडलस्तरीय संयुक्त निबंधक, स.स., संयुक्त निबंधक (अंके.), स.स., उप महाप्रबंधक, नाबार्ड सहित कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहें।