किशनगंज : ध्यान फाउंडेशन के गौशाला में प्रतिदिन हो रही मवेशी की मौत, बिना पोस्टमार्टम कराए दफना दिया जाता है मरे हुए मवेशियों को।

पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार करने पर पशु क्रूरता के तहत मामला दर्ज तो ध्यान फाउंडेशन के विरुद्ध भी होनी चाहिए पशु क्रूरता अधिनियन के तहत प्राथमिकी दर्ज।
स्थानीय लोगों ने कहा इस प्रकार मरने अथवा मारने से अच्छा होगा कि इन पशुओं को गरीब किसान को दान में दे दिया जाए ताकि किसान इन मवेसियों से खेती के कार्यो में इस्तेमाल कर सके।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार करने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो लगातार मवेसी के मौत, क्षमता से अधिक पशुओं को रखने एवं पशुओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर ध्यान फाउंडेशन के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज क्यूं नहीं किया जाता। पिछले वर्ष जून माह में शहर के बुद्धिजीवी लोगो ने डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश को आवेदन देकर ध्यान फाउंडेशन के विरुद्ध लगातार मवेशी के मौत व मरे हुए मवेशी को गौशाला स्थित पूजा स्थल के निकट दफनाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। इसके बावजूद ध्यान फाउंडेशन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया। ध्यान फाउंडेशन के गौशाला में मवेशी के मरने का सिलसिला तब भी जारी था और अब भी जारी है। गौशाला स्थित स्थानीय लोगो का कहना है कि एमजीएम रोड भूतनाथ गौशाला स्थित ध्यान फाउंडेशन के अधीन जब्त मवेशी बिना चारा पानी एवं समुचित रख रखाव के अभाव में लगातार मर रहे है। इस प्रकार मरने अथवा मारने से अच्छा होगा कि इन पशुओं को गरीब किसान को दान में दे दिया जाए ताकि किसान इन मवेसियों से खेती के कार्यो में इस्तेमाल कर सके। ध्यान फाउण्डेशन के द्वारा क्षमता से अधिक मवेशी को रखा जाता है जिस कारण रोजाना पशुओ की मौत हो रही है। स्थानीय लोगो ने कहा कि ध्यान फाउंडेशन के द्वारा जब्त मवेशी का रिकार्ड का जांच हो, मृत मवेशी का जांच हो कि किस कारण से मौत हुई है। इसके अलावा अब तक कितने मृत मवेसियों का पोस्टमार्टम हुआ है उसका भी जांच किया जाए। दूसरे राज्य से रातों रात ट्रको से लाए जा रहे मवेशी पर रोक लगे। ध्यान फाउंडेशन के द्वारा संचालित गौशाला में बारिश के मौसम में प्रत्येक दिन 4 से 5 मवेशी का मौत हो रही है। जिसमें गाय, भैंस, बछड़ा शामिल है। इन मवेसियों का न तो पोस्टर्माटम होता है और न ही सरकारी पशु चिकित्सालय को इसकी जानकारी दी जाती है। जबकि नियमानुसार किसी भी मवेशी की मौत का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य है। इसके अलावा मवेशी का मौत का सूचना पशु चिकित्सालय को देना होता है। लेकिन बिना सूचना के ही मरे हुए मवेशी को गौशाला स्थित पूजा स्थल के निकट दफना दिया जाता है। वहीं एसडीएम शाहनवाज अहमद नियाजी ने कहा कि मुझे भी इसकी सूचना मिली है मामले का जांच किया जाएगा।