किशुनपुर में आर एस एस ने किया शस्त्र पूजन व एकत्रीकरण।

नवेन्दु कुमार मिश्रपलामू जिले के पाटन खंड के अन्तर्गत किशुनपुर मंडल में राजकीय मध्य विद्यालय किशुनपुर के प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एकत्रीकरण सह शस्त्र पूजन का कार्य किया।कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य शिक्षक राहुल जी ने सम्पत कराने के पश्चात ध्वज लगाया और सभी ने ध्वज प्रणाम किया ।
सुभाषित पंकज कुमार ने कहा,सामुहिक गीत प्रवेश जी ने गाया।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नारद दुबे जी ने कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना काल से ही देश हित में अनवरत लगभग 96 वर्षों से कार्य कर रहा है ।यह देश हित और समाज हित में तरह-तरह के कार्य अपने विभिन्न संगठनों के माध्यम से करता रहा है ।इसके साथ विजयादशमी उत्सव को मनाने का कार्य किशुनपुर की धरती पर पहली बार किया गया है ,सभी स्वयंसेवक अपने आप में एक प्रेरणा स्रोत हैं और धन्यवाद के पात्र हैं। हमें इनके कर्तव्य पर पूरा -पूरा भरोसा करना चाहिए। वहीं मुख्य बौद्धिक कर्ता झारखंड प्रांत के सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख अवधेश जी ने कहा कि अपने आद्य सरसंघचालक हेडगेवार जी ने छोटे-छोटे बच्चों के साथ शाखा की शुरुआत महाराष्ट्र के नागपुर में की थी। डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद जब कोलकाता मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि हेडगेवार तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा अवसर है की रंगून में जाकर अपनी सेवा दो। इस पर हेडगेवार जी ने अपने प्रिंसिपल को धन्यवाद किया और कहा कि आपकी मुझ पर विशेष कृपा है कि आपने मुझे इस योग्य समझा।लेकिन अपने देश में भी बहुत लोग बीमार हैं जिनकी बीमारी का इलाज करना बहुत आवश्यक है ।अतः मैं अपने देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दूंगा और आजीवन ब्रह्मचर्य रहूँगा। मातृभूमि का कर्ज तो चुकाया नहीं जा सकता है, लेकिन फिर भी अपना कुछ -कुछ योगदान भारत भूमि के लिए दिया जा सकता है । हेडगेवार जी ने देखा कि देश में स्वतंत्रता आंदोलन जोरों पर है। इससे प्रेरित हो कर वे भी स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।लेकिन कॉंग्रेस कहीं-कहीं तुष्टीकरण की नीति अपना रही है इससे रुष्ट होकर उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया। कॉंग्रेस छोड़ने से पहले उन्होंने ने प्रण किया कि मैं एक ऐसी संस्था का निर्माण करूंगा जो निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा भी करेगी और भारत को परम वैभव तक पहुंचाएगी ।इसके साथ ही साथ भारत को विश्व गुरु बनाने का प्रयास भी करूंगा भले ही इसके लिए हमें 100 वर्ष क्यों न लग जाए और आज उनकी भविष्यवाणी सत्य साबित होती हुई दिखाई दे रही है ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह प्रमुख पर्व हैं जिनमें शस्त्र पूजन भी एक पर्व है ,इस पूजा के माध्यम से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम अपने समाज निर्माण के लिए साथ ही साथ राष्ट्र निर्माण में क्या योगदान दे सकते हैं? वैसे तो जो लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नहीं जानते हैं उनके मन में कई तरह की भ्रांतियां होती हैं। लेकिन जब नजदीक से देखने समझने लगते हैं तो उनकी भ्रांतियां दूर हो जाती है ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा के माध्यम से अपने सारे काम किया करता है। शाखा में हर तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 ईस्वी में दशहरा के समय में ही की गई थी जिस कारण हम सभी स्वयंसेवक इसे उत्सव के रूप में मनाते हैं ।पांडवों को जब 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास हुआ था तो फिर पुनः उन्होंने दशहरा के समय में ही अपना अस्त्र -शस्त्र प्रयोग में लाना शुरू किया था ।इस कारण भी हमारे लिए यह पर्व महत्वपूर्ण है ।आसुरी शक्ति महिषासुर का मर्दन मां दुर्गा ने विजयादशमी के दिन किया था इस कारण भी हम सभी इस उत्सव को मनाते हैं। इसके साथ साथ प्रभु श्री राम ने भी विजयादशमी के दिन ही रावण का अंत किया था और देश दुनिया को पापाचार औरअनाचार तथा राक्षसी प्रवृत्ति की मानसिकता से मुक्त कराया था, इस कारण भी हम सभी के लिए विजया दशमी उत्सव महत्वपूर्ण है। डॉ हेडगेवार जी ने भी कहा था यदि हम अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण नहीं रखेंगे तो लोग उस पर तरह-तरह के प्रश्न खड़े करते रहेंगे ।सन 1940 में डॉ साहब की मृत्यु के बाद श्री गुरु जी के माध्यम से संघ अनवरत चलता रहा।1975 में आपातकाल के दौरान सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।उस समय भी संघ अपना काम कर रहा था,तथा लोगों के बीच जाकर आपातकाल का विरोध करने के लिए प्रेरित करता था।अतः हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने के लिए निरंतर काम करते रहना चाहिए, क्योंकि इसी से राष्ट्र का निर्माण होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण और चरित्र निर्माण करना है। व्यक्ति निर्माण और चरित्र निर्माण का स्थल होता है संघ की शाखा । देश की आजादी में भी आरएसएस ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।जब चीन के द्वारा भारत पर 1962 में आक्रमण कर दिया गया था तो उस दौरान भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने अपना योगदान राष्ट्रहित में दिया था। जिसके फलस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 26 जनवरी के परेड पर 1963 ईस्वी में विशेष रुप से घोष और अपने करतब दिखाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया था, जिस पर सभी स्वयंसेवक खरे उतरे और पंडित जवाहरलाल नेहरु भी गदगद हुए थे। 1965 ईस्वी में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भी स्वयंसेवकों ने कहा कि देश को सेना की आवश्यकता है। यदि दिल्ली और यदि बड़े शहरों की सुरक्षा व्यवस्था में सेना लगी रहेगी तो हमें नुकसान हो सकता है। अतः ट्रैफिक की व्यवस्था भी हम सभी स्वयंसेवक संभाल लेंगे ,सेना को देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर भेजा जाए जिसे सरकार ने स्वीकार किया। जब कहीं भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बात होती है तो लोग इसे सांप्रदायिक संस्था मानते थे जबकि अब लोगों की मानसिकता बदल रही है। इसे नजदीक से देखने समझने वाले समझने लगते हैं कि यह संस्था हमेशा राष्ट्र हित में काम करती है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बहुत सारी आनुषांगिक इकाई हैं,जैसे आदिवासियों के लिए, विद्यार्थियों के लिए, धार्मिक क्षेत्र में, राजनीतिक क्षेत्र में, सेवा क्षेत्र में, और कई विविध क्षेत्रों में यह अपना कार्य सुचारू रूप से कर रहा है। जिसके फलस्वरूप नित्य प्रति संघ की शाखाएं बढ़ती जा रही हैं ।जब- जब आसुरी शक्तियां बढ़ जाती हैं तब- तब परमपिता परमेश्वर की तरफ से कोई न कोई इस नारायण की भूमि की रक्षा के लिए प्राण रक्षक बनाकर भेजे जाते रहे हैं।पाटन खंड के खंड कार्यवाह गोविंदा जी भी मंच पर थे। पलामू विभाग के शारीरिक शिक्षण प्रमुख उमाकांत जी ,जिले के मार्ग प्रमुख दीपक जी ,पाटन खंड सामाजिक सद्भाव प्रमुख अजय सिंह , व्यवस्था प्रमुख छोटू जी ,संपर्क प्रमुख आशुतोष जी, सेमरी मंडल के मंडल कार्यवाह सूरज जी ,भारतीय जनता पार्टी के जिला सह मीडिया प्रभारी नवेन्दु मिश्र ,पाटन मंडल के भाजपा अध्यक्ष संजय सिंह एवं उनकी पूरी टीम ,युवा मोर्चा अध्यक्ष अभिषेक सिंह एवं उनकी पूरी टीम, किशुनपुर मंडल सहसंयोजक मनीष सिंह , युवा मोर्चा अध्यक्ष श्रीकांत तिवारी एवं उनकी पूरी टीम, चिकित्सा सेवा से सेवानिवृत्त श्री लालदेव मेहता जी,उपेंद्र नाथ दुबे, विनोद सिंह आनंद सिंह ,जुगल किशोर सिंह, न्यू स्टार क्लब के धर्मेंद्र पासवान ,राकेश चौधरी, बिट्टू रजक भी थे। किशुनपुर और अगल-बगल के ग्रामीनों में मिथिलेश कुमार, आशीष दुबे, सुजीत गिरी ,पप्पू मिश्रा, नीलोत्पल नितल, सतीश सिंह सत्यनारायण गुप्ता ,रवि चंद्र प्रसाद ,मिंटू कश्यप ,बसंत गुप्ता , सहित कई गांव के स्वयंसेवक एवं ग्रामीण मौके पर उपस्थित थे । श्रीमान अवधेश जी के बौद्धिक के माध्यम से जो उद्बोधन हुआ उसका सभी ने लाभ उठाया ।न्यू स्टार क्लब के लोगों ने अपनी तरफ महत्वपूर्ण योगदान दिया।सबसे अन्त में प्रार्थना वाचक सुधांशु जी ने प्रार्थना गाया और सभी स्वयं सेवकों ने उसे दुहराया तथा कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।। नवेन्दु मिश्र की रिपोर्ट