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किशनगंज : रचना भवन में DM की अध्यक्षता में तीसरी तिमाही का जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आहूत, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, वित्तीय वर्ष 2021-22 के तीसरी तिमाही का जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी), जिलास्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) और जिला स्तरीय आर सेटी सलाहकार समिति (ग्रामीण स्व नियोजन प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति, डीएलआरएसी) की बैठक रचना भवन सभागार में डीएम डॉ आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में आहूत की गई। उक्त बैठक में क्रमवार साख जमा अनुपात (सीडी रेशिओ), वार्षिक साख योजना, कृषि, किसान क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं, जीविका, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, आत्म निर्भर योजना, स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्व निधि योजना आदि कार्यों की प्रगति और उपलब्धि की समीक्षा की गई। बैंको के स्तर पर लंबित कार्यों और समस्याओं पर भी चर्चा हुई।सर्वप्रथम बैठक की शुरुआत श्री इंदु शेखर एलडीएम किशनगंज के द्वारा उपस्थित सभी बैंकर्स एवं पदाधिकारियों का अभिवादन कर किया गया। बैठक में सभी बैंक के जिला समन्वयक एवं जिला प्रशासन के संबद्ध विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। डीएम ने बैंकों के सीडी रेशियो एवं एसीपी के आँकड़ों पर संतोष जताया। डीएम श्री प्रकाश ने बैठक में आवेदकों को ऋण उपलब्ध कराने में बैंको के स्तर से धीमे कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि सभी बैंक यह सुनिश्चित कराएं कि उनका सीडी रेसियो 40% से नीचे नहीं रहे। यद्यपि जिला का सीडी अनुपात 65.81% रहा। राज्य स्तर पर सीडी रेश्यो 46.83% के अनुपात में काफी अच्छी रही। अपेक्षाकृत लक्ष्य के विरुद्ध कम एसीपी वाले बैंको को सुधार लाने का निर्देश भी दिया गया। केनरा बैंक, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का परफॉरमेंस बहुत बुरा रहा। तदनुसार बैठक में समीक्षा हुई तथा सुधार लाने का निर्देश दिया गया। बैंको के प्रदर्शन में सुधार के निमित एलडीएम इंद्र भूषण को निर्देशित किया गया कि प्रखंड स्तर पर भी इस तरह की बैठक नियमित रूप से कराए और क्रेडिट कैंप का आयोजन करें। जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई की समीक्षोपरांत आवेदन पर नियमानुसार निर्णय लेकर त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया। बैंको के द्वारा केसीसी के मामले में कृषि भूमि सत्यापन के संबंध में कतिपय समस्या बताने पर विभागीय नियमो को आलोक में ऑनलाइन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर कार्रवाई करने एवम आवश्यकतानुसार बैंकिंग उप समाहर्त्ता, रंजीत कुमार को समन्वय हेतु निर्देशित किया। एनपीए के मामलो में संबंधित नीलाम पत्र पदाधिकारी से संपर्क कर वसूली का निर्देश दिया गया। बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सभी कृषकों के पास केसीसी संभवतः नहीं है, अतएव ऐसे किसानों से जो किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें केसीसी मुहैया करवाई जाए ताकि किसान को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी) पर प्रमुखता से जोर दिया गया एवं बताया गया की सभी बैंक के स्तर से लापरवाही बरती जा रही है और जिला अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका। मुख्य रूप से जिला उद्योग केंद्र को सक्रियता से प्राप्त आवेदनों का निष्पादन में रुचि लेनी चाहिए ताकि इस योजना के तहत जिला के अंतर्गत रहने वाले सभी बेरोजगार लोगों को इसका लाभ प्राप्त होगा। महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र की अनुपस्थिति पर डीएम ने गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए उनसे कारण पृच्छा करने तथा इनके लापरवाही एवम शिथिलतापूर्ण कार्य के निमित विभाग को प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया। डीएम ने निर्देश दिया कि लोन देने में बैंक सक्रिय भूमिका अदा करें। पीएमईजीपी के लाभार्थियों के ऋण स्वीकृति के बिंदु पर बैंकों को उनके विभागीय पत्र का याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैंक को स्वतः न्यूनतम एक लोन आवेदन स्वीकृत करना है।अस्वीकृति के बिंदु पर निदेश दिया गया कि अस्वीकृति से पहले आवेदक को कारण बताइए तथा कमियों को दूर करने का तरीका बताये। यदि लोन राशि की मात्रा नियमानुसार ज्यादा हो तो इसे रेक्टिफाई कर उसे स्वीकृत करे। अधिकतम सहयोग करें तभी हमारा जिला समृद्ध और विकसित होगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि उद्योग की अपार संभावना किशनगंज जिला में है। खासकर राइस मिल, इनोवेटिव योजनाओं आदि में लोग रुचि रखते है, परंतु जानकारी/प्रक्रिया का अभाव है। उद्योग विभाग, बैंकों को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का आवश्यकता है।सर्टिफिकेट केस में सभी को निर्देश दिया गया कि जागरूक होकर अपना अपना रिपोर्ट समय पर संबंधित सर्टिफिकेट पदाधिकारी को दे ताकि उनका बॉडी वारंट निकाला जा सके जिससे ऋण की उगाही में त्वरित कार्रवाई की जाए। दिनांक11 अप्रैल को सभी बैंकर्स अपने नीलम पत्र पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर संधारित रजिस्टर x का मिलान रजिस्टर ix से करना सुनिश्चित करेंगे। डीडीएम नाबाई दयाशंकर तिवारी ने PLP (संभाव्यता युक्त ऋण योजना), 5 नवगठित एफपीओ के बारे में विस्तार से बताया।एसबीआई, आर सेट्टी के निदेशक नीरज कुमार ने एसबीआई स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान का annual एक्शन प्लान के आलोक में प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताया। आरसेटी प्रशिक्षुओं को लोन स्वीकृति, वित्तीय वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्य योजना (25 ईडीपी द्वारा 750 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करने का प्लान) का अनुमोदन प्राप्त किया। साथ ही, आरसेटी सलाहकार समिति के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्य की समीक्षा की गई। प्रशिक्षण में Covid 19 प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन का निर्देश दिया गया और प्रशिक्षण उपरांत उनको नियोजन/सेटलमेंट पर विस्तृत चर्चा हुए और कार्य संतोषप्रद रहा। निदेशक, आरसेटी को निर्देशित किया गया कि प्रशिक्षुओं के लोन दिलवाने हेतु एलडीएम से समन्वय कर लंबित आवेदनों का निष्पादन कराए। बैठक में डीडीसी मनन राम, एसडीसी बैंकिंग रंजीत कुमार, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के प्रतिनिधि, आरबीआई के प्रतिनिधि, एलडीएम इंदु शेखर, निदेशक आर सेटी, डीडीएम नाबार्ड, सभी बैंक के जिला समन्वयक, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, बैंक प्रबंधक उपस्थित हुए।

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