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किशनगंज : जिले में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वछता एवं पोषण दिवस पर आंगनबाड़ी केंद्रों में गोदभराई एवं पौधारोपण का आयोजन कर दी गई पोषण की जानकारी।

जन जागरूकता से ही समाज को कुपोषण से किया जा सकता है मुक्त, आंगनबाड़ी सेविकाओ द्वारा घर-घर जाकर लोगों को किया जा रहा हैं जागरूक।

  • कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन के साथ कार्यक्रमों का हुआ आयोजन।
  • ज़िले के प्रत्येक घर में पोषण का संदेश के माध्यम से किया जा रहा है जागरूक।
  • एनीमिया प्रबंधन की भी दी गई जानकारी।

पोषण माह के दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में दी जा रही है सामान्य जानकारियां।

  • जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलायें।
  • छह माह के बाद बच्चों को पूरक आहार दें।
  • गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण करायें।
    बच्चों को खाना खिलाते समय हाथों की सफाई का ध्यान रखें।
  • गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  • गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली जरूरी लेनी चाहिए।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पोषण माह को सफल बनाने के लिए आईसीडीएस द्वारा लगातार कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा जागरूकता से ही पोषण माह सफल होगा और सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक होंगे। इसी कड़ी में बुधवार को जिले के सभी प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्रामीण स्वास्थ्य स्वछता एवं पोषण दिवस कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें गोदभराई, पौधारोपण सहित कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर आईसीडीएस के तमाम पदाधिकारी एवं कर्मी सहित सेविका-सहायिकाओ ने पोषण माह को सफल बनाने एवं इस संदेश को समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने की शपथ लिया। ताकि हर हाल में पोषण माह सफलता पूर्वक संपन्न हो सके। इसके साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को उचित पोषण की जानकारी मिल सके। आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने बताया पोषण माह को हर में सफल बनाने एवं पोषण के महत्व और उद्देश्य को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए जिले में लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस द्वारा संयुक्त रूप से ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वछता दिवस मनाया गया है। जहां बच्चो का वजन एवं पोषाहार का वितरण किया गया। इसके अलावा लोगों को उचित पोषण की जानकारी दी गयी। वहीं उचित पोषण के महत्व और उद्देश्य को भी बताया जा रहा है। ताकि सामाजिक स्तर पर लोग सरकार के इस पहल को समझ सके और इसे बढ़ावा देने के लिए आगे आ सके। ज़िले के पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ जीनत यासमीन ने बताया पोषण माह की सफलता को लेकर गांव के सभी घरों में पोषण का संदेश पहुंचाया जाएगा और घर-घर जाकर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान लोगों को उचित पोषण की विस्तृत जानकारी और कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण को लेकर पोषण के महत्व और उद्देश्यों की भी जानकारी दी जाएगी। मांगलिक गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरूप पोषण की थाली भी भेंट की गयी। जिसमें सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। कोचाधामन की सीडीपीओ नमिता घोष ने बताया गर्भवती माता, किशोरियों एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम बहुत ज्यादा जरूरी है। गर्भवती महिलाओ को 180 दिनों तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। वहीं 10 से 19 साल की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सिरप देनी चाहिए।

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