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*बिहार में 10 वर्षों में 1445 गोद लिए बच्चों का हुआ पंजीकरण, पटना में सबसे अधिक 101*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार में वर्ष 2015-24 के बीच 1,445 दंपत्तियों ने गोद लिए बच्चों के गोदनामा का पंजीकरण कराया है। इनमें से सबसे अधिक 101 पंजीकरण राजधानी पटना में दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों से सामने आई है।

*बिहार में बच्चा गोद लेने की शर्तें*
राज्य में बच्चा गोद लेने के लिए नियम निर्धारित हैं। कोई भी व्यक्ति या दंपत्ति आपसी सहमति से बच्चा गोद ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति या दंपत्ति बेटा गोद ले रहा है, तो उनके पास पहले से अपना बेटा नहीं होना चाहिए। इसी तरह, बेटी गोद लेने के लिए पहले से अपनी बेटी नहीं होनी चाहिए।
गोद लेने वाले पुरुष या महिला की आयु गोद लिए जाने वाले बच्चे की आयु में कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना चाहिए। इसके साथ ही गोद लिए जाने वाले बच्चे की आयु 15 वर्ष से कम होनी चाहिए। बच्चा गोद देने वाले व्यक्ति या दंपत्ति की सहमति अनिवार्य है।

*गोदनामा का पंजीकरण अनिवार्य*
गोदनामा पंजीकरण के लिए 2,000 रुपये स्टाम्प शुल्क और 1,500 रुपये निबंधन शुल्क देना होता है। हालांकि पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह भविष्य की कानूनी जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। गोद लिया बच्चा गोद लेने वाले परिवार की संपत्ति में वही अधिकार पाता है, जो जैविक संतान को मिलता है, लेकिन गोद देने वाले परिवार की संपत्ति में उसका कोई हक नहीं होता। गोदनामा एकबार पंजीकृत होने के बाद रद्द नहीं किया जा सकता। ये नियम केवल हिंदू धर्म पर लागू हैं। अन्य धर्मों के लिए अलग नियम हैं।

*पंजीकरण का महत्व*
विभाग के अनुसार, गोदनामा का पंजीकरण भविष्य में कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए जरुरी है। यह प्रक्रिया गोद लिए हुए बच्चे और गोद लेने वाले माता-पिता दोनों के अधिकारों को सुरक्षित रखती है।

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