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बापू के चंपारण में जहां डकैतों का राज बनाकर रखा गया था वहां माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के राज में विकास की बह रही बयार: जद (यू0)

मुकेश कुमार /जद(यू0) विधानपार्षद सह मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री नीरज कुमार और प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 निहोरा प्रसाद यादव ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा कि महात्मा गांधी की धरती चंपारण से आज माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की प्रगति यात्रा की शुरुआत हुई है।

वो चंपारण जिसने महात्मा गांधी को ताकत देने का काम किया था उस चंपारण को लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासकाल में खूनी मैदान बनाकर रखा गया था। जंगलों की बात छोड़िए ग्रामीण और शहरों में भी डाकुओं, अपहरणकर्ताओं, अपराधियों का तांडव होता था। शाम पांच बजे के बाद घर से निकलना जान गंवाना था। चंपारण में फिरौती के लिए एक हजार 93 लोगों का अपहरण हुआ था। बिजली के अभाव में गर्मी के दिनों में लोग डर के मारे छत पर नहीं सो पाते थे। उस चंपारण को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने हंसता हुआ, खेलता हुआ बनाया जहां विकास के नए मानक स्थापित किए गए। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व जो बिल्कुल समाप्त हो चुके थे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने उसे जीवित करने का काम किया गया।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के माता-पिता के शासनकाल में जिस चंपारण को अपराध का टूरिज्म बनाने की कोशिश हो रही थी वहां आज माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में साल 2023-24 में 3 लाख 22 हजार देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। 2021 में जिले को ‘विश्व व्याध्र दिवस’ पर राष्ट्रीय पुरस्कार, साल 2017 में भारत सरकार द्वारा ‘आरबीएस अर्थ हीरो अवार्ड’, साल 2021 में ‘इंडिया बायो डायवर्सिटी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के शासनकाल में चंपारण में वाल्मीकि नगर इको पार्क बनाया गया, मंगुराहा और गोवर्द्धन में पर्यटन केंद्र स्थापित किए गए साथ ही इको टूरिज्म का विकास किया गया।

माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार ने थारू जाति को जनजाति का दर्जा देने का काम किया साथ ही थारू जनजाति की बेटियों के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन किया जहां आज अनुसूचित जनजाति की बेटियां लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ जंगलों का संरक्षण करने का भी काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर सवाल उठाने से पहले उन्हें उन 1 हजार 93 लोगों के घर जाना चाहिए जिनका अपहरण उनके माता-पिता के शासनकाल में फिरौती के लिए हुआ था और वहां जाकर अपने माता-पिता के गुनाहों को कबूल करना चाहिए।

 

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