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DSPMU Ranchi : साइंस रिसर्च सेंटर के निर्माण को एचआरडी की मिली सहमति, जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य

झारखंड राज्य का पहला रिसर्च सेंटर होगा जहां झारखंड के अलावे पड़ोसी राज्य बिहार, बंगाल, ओड़िशा, यूपी और छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई कर सकेंगे


रांची : राज्य के वैसे छात्र छात्राएं जो रिसर्च के क्षेत्र में बेहतर कार्य करना चाहते हैं उनके लिए खुशखबरी है। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी रांची (DSPMU Ranchi) में मैसूर और इंदौर की तर्ज पर साइंस रिसर्च सेंटर (Science Research Centre) की शुरुआत होगी। जो कि शोध कार्य करने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह राज्य का पहला रिसर्च सेंटर होगा जहां पूरे झारखंड के अलावे पड़ोसी राज्य बिहार, बंगाल, ओड़िशा, यूपी और छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। अब झारखंड के विद्यार्थियों को रिसर्च करने के लिए बाहरी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा। डीएसपीएमयू प्रशासन भी सरकारी तौर पर सहमति मिलने के बाद रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी में जुट चुका है। इस रिसर्च सेंटर का नाम सेंट्रल इंस्टूमेंटेनेशनल सेंटर एंड रिसर्च फैसलिटी दिया गया है। कुलपति डा. तपन कुमार शांडिल्य ने बताया कि रिसर्च सेंटर के लिए एचआरडी से अप्रूवल भी मिल गया है। रांची के मोरहाबादी कैंपस में लगभग 56 करोड़ की लागत से पांच साल में चार फ्लोर का रिसर्च सेंटर तैयार कराया जाएगा। इसके हरेक फ्लोर पर अलग-अलग रिसर्च रुम का निर्माण होगा। लाइफ साइंस से लेकर अलग-अलग विषयों के रिसर्च यहां होंगे। इसके लिए आधुनिक मशीनों की खरीदारी दो खेपों में कराई जाएगी। कुलपति ने कहा कि विभागीय सहमति मिल गई है और जल्द ही सेंटर के निर्माण का कार्य भी शुरु कर दिया जाएगा।

मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं :
बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव बनाने से पूर्व देश के विभिन्न युनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटरों से जानकारी ली गई है ताकि यहां के स्टूडेंट्स और फैकल्टी को वैश्विक मांग के अनुरुप सुविधा दी जा सके। बताया गया कि सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च की बिल्डिंग में 20 लैब स्थापित किए जाएंगे। 10 लैब नैचुरल साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कालरों के लिए जबकि 10 लैब लाइफ साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कालरों के लिए तैयार होंगे। हर फैकल्टी और विभागाध्यक्ष के लिए विशेष सुविधाओं वाला कमरा होगा। जबकि विभागाध्यक्ष के लिए एक कक्ष संबंधित विषय के शिक्षकों के लिए फैकल्टी कक्ष होगा। इसके अलावे प्रत्येक विभाग में छात्र छात्राओं के लिए बुनियादी सुविधाएं मसलन शौचालय, लिफ्ट, अत्याधुनिक कारिडोर और रिकार्ड रुम की भी सुविधा होगी। साथ ही यहां अत्याधुनिक आडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। इस आडिटोरियम में एक साथ 10 हजार स्टूडेंट्स, फैकल्टी एक साथ बैठ सकेंगे।


यहां विद्यार्थियों के लिए ये सुविधाएं होंगी बहाल :
– झारखंड के पहले रिसर्च सेंटर में वर्ल्ड क्लास की सुविधाओं से युक्त लैब स्थापित की जाएगी
– रिसर्च के लिए सरकार के सहयोग से सेंटर बनाया जा रहा है
– यहां छात्रों व फैकल्टी को वैश्विक स्तर की सुविधाएं दी जाएंगी
– नैचुरल साइंस और लाइफ साइंस के लिए अलग से चार तल्ला बिल्डिंग का होगा निर्माण होगा
– जी प्लस 4 बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 1.30 स्क्वायर फीट होगा
– मैसूर युनिवर्सिटी में बने रिसर्च सेंटर की तर्ज पर यहां रिसर्च सेंटर होगा तैयार
– सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च का हर फ्लोर 26 हजार स्क्वायर फीट का होगा।

साइंस रिसर्च सेंटर के लिए विभागीय सहमति मिल गई है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा। गत दिनों हमारे विशेषज्ञों का दल मैसूर और इंदौर जाकर वहां पूर्व से संचालित साइंस सेंटर का मुआयना किया है। वहां से जो जानकारी मिली है उसे यहां भी अमल में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
: डा. तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति, डीएसपीएमयू रांची।

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