माननीय कृषि मंत्री ने किया सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन।..
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-इस वर्ष यांत्रिकरण योजना में लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।माननीय कृषि मंत्री ने फसल अवशेषों को खेतों मे न जलाने की अपील की
माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री कुमार सर्वजीत द्वारा आज विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। साथ ही, माननीय मंत्री ने कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित कृषक हितकारी हमारी योजनाएँ (कृषक हस्तक) एवं खेती-किसान का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में डॉ॰ रामानुज प्रसाद, माननीय सदस्य, बिहार विधान सभा क्षेत्र, सोनपुर, श्रीमती जयमित्रा देवी, अध्यक्ष, जिला परिषद सारण, सचिव, कृषि श्री संजय कुमार अग्रवाल, कृषि निदेशक डॉ॰ आलोक रंजन घोष, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार सहित कृषि विभाग के पदाधिकारीगण एवं किसानगण उपस्थित थे।
माननीय मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि हरिहर क्षेत्र के इस पावन धरती पर विश्व प्रसिद्ध मेला में कृषि प्रदर्शनी का शुभारम करते हुए मुझे हर्ष एवं गर्व महसूस हो रहा है। सोनपुर वह पावन धरती है, जहाँ पौराणिक काल में कभी गज एवं ग्राह की लड़ाई हुई थी। गज अपने को असुरक्षित महसूस कर भगवान से मदद की गुहार लगाया था एवं भगवान असहाय गज की पुकार सुन स्वयं प्रकट होकर ग्राह से गज की रक्षा की थी। यहाँ बाबा हरिहरनाथ जी का भव्य पौराणिक मंदिर भी है। प्राचीन हरिहरनाथ मंदिर हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा से एक महीने तक के लिए विश्व प्रसिद्ध मेला का आयोजन किया जाता रहा है। आज भारत में जहाँ लोक संस्कृति दिनों-दिन विलोपित होती जा रही है, वहीं सोनपुर का यह मेला अपनी पौराणिक धरोहर को जीवंत बनाये रखा है। आज भी सोनपुर मेला पशु मेला के रूप में विष्व प्रसिद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रकृति ने बिहार को उपजाऊ मिट्टी और प्रचुर जल संसाधनों का वरदान दिया है। साथ ही, यहाँ कृषि जलवायु की विशाल विविधता है, जो बागबानी तथा औषधीय पौधों सहित बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के फसलों की खेती को संभव बनाती है। बिहार गंगा की तराई में बसा है। यहाँ भूगर्भीय जल काफी मात्रा में है। सब्जियों की पैदावार में हम सबसे आगे हैं। मधु, मशरुम, मखाना, लीची पैदा करने में भी हम सबसे आगे हैं। अनानास, आम, केला, अमरूद, गन्ना, जूट आदि पैदा करने में भी हम बहुत आगे हैं। हमने इन कृषि उत्पादों के लिए बेहतर बाजार एवं प्रसंस्करण की सुविधा राज्य के अन्दर उपलब्ध कराने हेतु विशेष रुप से पहल की है। राज्य के कुछ जिलों में धान की कटनी के समय एक विकट समस्या विकराल रूप ले रहा है। धान के पुआल को खेत में जलाने की समस्या लगातार बढ़ रहा है। पुआल के जलाने से एक तरफ वातावरण प्रदूषित हो रहा है, तो दूसरी तरफ मिट्टी की उर्वरा-शक्ति खत्म हो रही है। यह चिन्ता की बात है। सरकार द्वारा फसल अवशेषों को जलाने की घटना को रोकने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार यह सुनिश्चित करें कि उनके पंचायत में फसल अवशेष नहीं जलाया जायेगा। इसे दृढ़ता से लागू किया जाये।
श्री कुमार ने कहा कि रबी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए रबी अभियान चलाया जा रहा है। इसकी सफलता के लिए जरूरी है कि किसानों को समय पर बीज मिले और जो बीज दिया जा रहा है, वह उच्च गुणवत्ता की है। यह दोनों ही दायित्व कृषि विभाग के पदाधिकारियों की है। इस रबी मौसम में गेहूँ, चना, मसूर, मटर, राई सरसों, तीसी, जौ तथा संकर मक्का का कुल 05 लाख 07 हजार 05 सौ 83 क्विंटल बीज किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बिहार राज्य बीज निगम के द्वारा बीज आपूर्ति की सभी व्यवस्था पूरी की गयी है। किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेना तथा आवेदन को स्वीकृत करना एवं किसानों के घर तक बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना, प्रत्येक कृषि पदाधिकारी का महती दायित्व है। यह ध्यान भी रखा जाये कि छोटे तथा सीमान्त किसान तक योजना का लाभ पहुँचे।
उन्होंने कहा कि किसानों को खाद सही समय पर मिले तथा सही दाम पर मिले यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जायेगा। राज्य में खाद की आपूर्ति से लेकर डीलर के दुकान में उर्वरक की उपलब्धता के प्रत्येक बिन्दु पर नियमित समीक्षा किया जा रहा है। सीमावर्ती जिला में उर्वरक के परिचालन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। राज्य स्तर से पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर सीमावर्ती जिलों में उर्वरक परिचालन का निरीक्षण किया जाये। किसी भी हाल में विभाग की बदनामी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। खाद सही दाम पर मिले, यह व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक कृषि समन्वयक की जबावदेही होगी। इसके बाद भी अनियमितता की स्थिति में उन पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। बिहार में 91 प्रतिशत से अधिक सीमान्त किसान हैं, जिनका जोत का रकबा 01 हेक्टेयर से भी कम है। यह विशेष ध्यान रखा जाये कि अधिक-से-अधिक योजनाओं का लाभ सीमान्त किसानों तक पहुँचे। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा कि योजना का लाभ सिर्फ बड़े किसानों तक सीमित रह जाये। विभागीय योजनाओं का लाभ बड़े किसानों के साथ-साथ छोटे एवं सीमान्त किसानों को भी अधिक-से-अधिक मिले।
उन्होंने बताया कि दिसम्बर महीना में सभी जिलों में यांत्रीकरण मेला का भी आयोजन किया जा रहा है। अन्य विकल्पों के साथ भी किसान मेला में कृषि यंत्र क्रय करने का विकल्प किसानों को दिया जा रहा है। साथ ही, किसानों को मेला में कृषि यंत्र से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। कृषि यांत्रिकरण योजना में ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ प्रणाली की त्रुटियों को दूर करने के लिए इस वर्ष योजना में लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जायेगा। सरकार के सात निश्चय-पार्ट 2 के अंतर्गत हर खेत को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए भूमि संरक्षण संभाग द्वारा पक्का चैक डैम एवं तालाब का निर्माण कराया जा रहा है तथा उद्यान संभाग से सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार के किसान खुशहाल हों, किसानों की आमदनी बढ़े, ग्रामीण युवाओं में कृषि के प्रति आकर्षण हो, कृषि सम्मान का पेशा बने, इसके लिए पूरा कृषि परिवार एक साथ काम करेगा।
डॉ॰ रामानुज प्रसाद,माननीय विधायक सोनपुर ने कृषि मेला परिसर को विकसित करने तथा सारण जिले में कृषि महाविद्यालय की स्थापना हेतु पहल करने का अनुरोध किया गया।
माननीय विधायक के अनुरोध पर माननीय कृषि मंत्री ने कृषि मेला परिसर के चारो तरफ चाहरदीवारी तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के कार्यालय की स्थापना करते हुए परिसर में प्रत्यक्षण मॉड्ल लगाने का कार्य शीघ्र करने का आश्वासन दिया।
अंत में माननीय मंत्री ने विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्ष़्ोत्र मेला के इस प्रांगण में कृषि विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी तथा स्टॉल से जुड़े सभी कर्मियों, पदाधिकारियों तथा इस कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी किसान भाईयों एवं बहनों को धन्यवाद दिया।