बिहार में नौकरी एवं ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर वसूली जा रही मोटी रकम…

ओमप्रकाश/मुंगेर//बिहार में इन दिनों सरकारी नौकरी लगाने और ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के नाम पर अवैध रूप से मोटी रकम वसूली का खेल जोरों पर है। खुद को किसी माननीय या प्रशासनिक अधिकारी का करीबी बताकर लोग बेरोजगार युवाओं को झांसे में ले रहे हैं। ताजा मामला मुंगेर जिले के जमालपुर प्रखंड अंतर्गत वोचाही गांव का है। यहां पिम पिम कुमार उर्फ दिलीप पासवान नाम के एक शख्स पर कई गंभीर इल्जाम लगे हैं। पिम पिम कुमार पर आरोप है कि वे सरकारी नौकरी दिलाने, विभागीय परीक्षा पास कराने और तकनीकी संस्थानों के फर्जी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने का धंधा बड़े पैमाने पर चला रहे हैं। राजधानी पटना के कई गिरोहों से इनकी साठगांठ बताई जा रही है।
GNM स्टाफ नर्स से ट्रांसफर के नाम पर ठगी..
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरैया, मुजफ्फरपुर में पदस्थापित स्टाफ नर्स बबीता कुमारी का इल्जाम है कि उन्होंने अपना ट्रांसफर मुंगेर करवाने के लिए पिम पिम कुमार को दो लाख रुपये का चेक और नगद राशि सौंपी थी। ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कराई गई, लेकिन विभाग की ओर से अब तक तबादला सूची जारी नहीं की गई है, जिस कारण चेक की क्लियरेंस नहीं हो सकी है। बबीता कुमारी मूलतः मुंगेर के खड़गपुर थाना क्षेत्र के बागेश्वरी गांव की रहने वाली हैं। हालांकि इस मामले में पिम पिम कुमार का पक्ष सामने नहीं आया है।
पशुपालन विभाग के अफसर से भी रार, दर्ज हुआ केस…
इतना ही नहीं, पिम पिम कुमार पर यह भी आरोप है कि उन्होंने राजधानी पटना के पशुपालन विभाग के अधिकारी संजय पासवान के साथ मिलकर जिले के कई युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की उगाही की। जब वादा पूरा नहीं हुआ तो दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया। दिलीप पासवान ने संजय पासवान के खिलाफ मुंगेर न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी सुनवाई के दौरान जब अधिकारी संजय पासवान जमानत लेने पहुंचे, तो न्यायालय परिसर में दर्जनों युवाओं ने उन्हें घेरकर बंधक बना लिया और हंगामा किया। पीड़ित युवाओं ने अपने पैसे की मांग करते हुए जमकर प्रदर्शन भी किया।