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किशनगंज : बिहार दिवस के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन।

उचित खान-पान व संयमित जीवन शैली कैंसर से बचाव के लिये जरूरी।

  • जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों के बारे में दी गई जानकारी।
  • समय पर रोग की पहचान व उपचार से कैंसर का समुचित इलाज संभव।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, कैंसर एक ऐसी जटिल एवं गंभीर बीमारी है जिसकी जद में आकर पूरे विश्व में हर वर्ष लाखों लोग काल के गर्भ में समा जाते हैं। ज्यादातर मरीजों में जांच के दौरान पाया जाता है कि उनका कैंसर अब आखरी चरण में पहुँच चुका और वैसी स्थिति में उपचार संभव नहीं होता है। चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि कैंसर का उपचार शुरुआती लक्षणों को पहचानने के उपरांत ही संभव है। लक्षण नजर आते ही कैंसर की जांच करवाना कई जिंदगी बचा सकता है। कैंसर दुनिया में मौत के दूसरे सबसे बड़े कारणों में से कैंसर एक है। बिहार दिवस के उपलक्ष्य में मुख्य कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कालाजार एवं वेक्टर जनित रोग जैसे चिकनगुनिया डेंगू से संबंधित गर्भवती महिला की एएनसी जांच, टीकाकरण, परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी दी गई।कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि जिले भर के सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दौरान कैंसर से बचाव संबंधी कई तरह की जानकारी दी गई। साथ ही जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में जहां विशेष कैंसर स्क्रीनिंग सह परामर्श सेवा संचालित किया गया। वहीं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से भी स्थानीय ग्रामीणों को कैंसर रोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि कैंसर रोग इससे जुड़े लक्षण व स्क्रीनिंग में होने वाली देरी देश में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में हर साल 40 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं। इसमें दो तिहाई से अधिक मामले एडवांस स्टेज में पहुंच चुके होते हैं। हाल के दिनों में मुंह, ब्रेस्ट व सरवाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसलिये लोगों को कैंसर के खतरों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि समय पर रोग की पहचान व उपचार से कैंसर से होने वाली मौत को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हाल के दिनों में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा गोल ब्लाइडर, प्रोटेस्टेंट महिलाओं में ब्रेस्ट व सरवाइकल कैंसर आम है। उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी, बड़ी संख्या में लोगों द्वारा तंबाकू उत्पाद का सेवन कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह है। इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से हाल के दिनों में जागरूकता के साथ-साथ स्क्रीनिंग संबंधी सेवाओं की मजबूती का प्रयास हुआ है। डीपीएम स्वास्थ्य डॉ मुनाजिम ने बताया कि जागरूकता कैंसर से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया है। तंबाकू का सेवन, भूजल में आसेर्निक की अधिकता, बड़े पैमाने पर कीटनाशकों का प्रयोग के कारण हाल के दिनों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विभाग द्वारा एनसीडी सेवाओं की बेहतरी का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

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