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महिला किसानों द्वारा उत्पादित शहद, मशरुम एवं अण्डा खरीदेगी सरकार।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-सचिव, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार ने कृषि विभाग द्वारा आज बामेती, पटना में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सिस्टर सुधा वर्गीज द्वारा भाग लिया गया।

सचिव, कृषि विभाग ने कहा कि बिहार सरकार चैथा कृषि रोड मैप तैयार कर रही है। कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। महिला किसानों के प्रयास से ही बिहार मशरुम एवं शहद उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बना है। महिला किसानों के पास उनके नाम से भूमि का न होना, आसानी से ऋण नहीं मिलना और खेती संबंधी यंत्रों का महिलाओं के अनुरुप नहीं होना आदि कुछ चुनौतियाँ है। परन्तु, महिला किसान अपने स्तर से मशरुम एवं शहद उत्पादन के अतिरिक्त बकरीपालन, अण्डा उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादन में अच्छा कार्य कर रहीं हैं। इसके अतिरिक्त कुछ महिलायें सब्जी उत्पादन एवं सब्जी के पौध उत्पादन का कार्य अपनाकर कम भूमि में भी अच्छी आय प्राप्त कर रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में हो रहे अधिक उत्पादन को मूल्य संवर्द्धन की ओर ले जाने के लिये उद्योग विभाग के सहयोग से चैथे कृषि रोड मैप में कार्यक्रम बनाये जा रहे हैं। शहद के विपणन को सरल बनाने के लिए काॅम्फेड के माध्यम से राज्य सरकार किसानों से शहद खरीदेगी। इसी प्रकार, बिहार के किसानों द्वारा उत्पादित अंडा को सरकार क्रय करके राज्य के आँगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में दो दिन आहार में सम्मिलित करेगी। डेयरी के क्षेत्र में राज्य के प्रत्येक ग्राम में कम-से-कम एक डेयरी समिति गठित की जा रही है। सरकार मशरुम को मध्याह्न भोजन योजना का अभिन्न अंग बनाने जा रही है। फसल विविधीकरण के अंतर्गत दक्षिण बिहार के जिलों में लेमन ग्रास की खेती और उसके तेल निकालने के आसवन यंत्र को देकर बंजर भूमि में किसानों को आय के साधन देने की योजना बनायी जा रही है। उन्हांेने आगे बताया कि बिहार के पाँच उत्पादों को जी॰आई॰ टैग मिला है, परन्तु इन उत्पादों को बिहार के लोग बहुत कम सेवन करते हैं। इसलिए इनके सेवन को बढ़ाने के लिए लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं को संगठित करने के लिए कृषक उत्पादक संगठन (एफ॰पी॰ओ॰) बनाने की बात कही।
पद्मश्री सिस्टर सुधा वर्गीज ने कहा कि महिलाओं को अशिक्षा, बेरोजगारी, सामाजिक एवं राजनीतिक असमानता से आजादी चाहिए। इसके लिए महिलाओं को एकता बनाने की आवश्यकता है।
राज्य नोडल पदाधिकारी, आत्मा श्री विजय कुमार ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

इस कार्यक्रम में बिहार के दूर-दराज के क्षेत्रों से आयी हुई महिला किसानों ने भी अपनी बातों को रखा। नारी गंुजन संस्था से जुड़ी हुई मुसहर जाति की महिला किसान श्रीमती अनीता ने कहा कि वे पहले मजदूरी करती थी। परन्तु किसान संगठन से जुड़ने का बाद उन्हें बटाई पर भूमि मिली, जिस पर खेती करने से उनकी आय बढ़ी, आज उनके बच्चे प्राईवेट विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। पूर्वी चम्पारण की महिला किसान सामिया बेगम ने बताया कि किस प्रकार उन्हांेने कोविड के कारण लगे लाॅकडाउन में अपनी नौकरी गँवाने के बाद संघर्ष किया और छोटी से पूंजी से मशरुम उत्पादन करके आज मशरुम गर्ल का दर्जा पायी है। उन्हांेने मशरुम गर्ल नाम से कैफे की स्थापना कर स्वयं अपने साथ 2000 महिला और पुरुष किसानों को जोड़कर मशरुम के तरह-तरह के उत्पाद बनाकर प्रतिदिन 25000 से 30000 रुपये कमा रही है और अपने साथ अपने पति को भी रोजगार दिया है। इसके अलावा दानापुर की श्रीमती सोनी कुमारी, पश्चिम चम्पारण की श्रीमती सुमन देवी, भागलपुर की श्रीमती वन्दना कुमारी, मुजफ्फरपुर की श्रीमती निराला देवी, सीतामढ़ी की श्रीमती पूनम, लखीसराय की श्रीमती दीपिका, बेगूसराय की श्रीमती सुनीता कुमारी सहित 15 से अधिक महिला किसानों ने अपनी बातों कर रखा एवं चतुर्थ कृषि रोड मैप के लिये सुझाव दिया।

इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, हरनौत, नालन्दा के वैज्ञानिक डाॅ॰ ज्योति सिन्हा, कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना के उद्यान वैज्ञानिक डाॅ॰ संगीता कुमारी, अरवल के चलन्त पशु चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ॰ भारती ंिसंह, जगजीवन राम कृषि अभिनव पुरस्कार से सम्मानित महिला किसान श्रीमती मनोरमा सिंह सहित 300 से अधिक महिला पदाधिकारी/कर्मचारी एवं महिला किसानगण मौजूद थे।

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