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किशनगंज : जिले में संक्रामक बीमारियों के साथ गैर संचारी रोगों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध।

एचडब्ल्यूसी पर कार्यरत नवनियुक्त सीएचओ का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, तीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। लिहाजा इससे अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिये। जिले के सभी पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जहां ओपीडी सेवा उपलब्ध है, वहां भी जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसी क्रम में ज़िले के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगन में संक्रामक बीमारियों के साथ गैर संचारी रोगों के साथ एचडब्लूसी में मिलने वाले 12 तरह की सेवा को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी नव चयनीत सीएचओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम, जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार, गैर संचारी रोग जिला समन्वयक नवाज शरीफ उपस्थित हुए। डॉ मुनाजिम ने बताया की जिले के सभी एचडब्लूसी में गैर संचारी रोग पदाधिकारियों को गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट उपलब्ध कराया गया है। इसमें ब्लड प्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर सहित अन्य जांच उपकरण शामिल हैं।जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है। इस संबंध में एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिला कार्यक्रम समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया की गांवों के सब सेंटर पर सीएचओ की नियुक्ति होने पर ग्रामीणों को गांव में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा और उन्हें इलाज के लिए सीएचसी या फिर जिला अस्पताल की दौड़ लगाने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। जिले में 259 उप स्वास्थ्य केंद्र है। इनमें से 146 केंद्रों पर सीएचओ प्रतिनियुक्त है और सब सेंटरों पर सीएचओ मरीजों की ऑनलाइन ओपीडी कराकर दवाइयां उपलब्ध करा रहे है। सेंटरों पर एएनएम और स्टॉफ नर्स लोगों की जांच कर दवाईयां उपलब्ध करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 नए सीएचओ को जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। जिससे गांवों में लोगों को बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी। वही गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है। लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगता है। किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है। इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये। आज संक्रामक बीमारियों के खतरे से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में आमतौर पर होने वाली गैर संचारी रोगों के प्रति भी पर्याप्त सक्रियता जरूरी है। वैसे रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे प्रसारित नहीं होते, उन्हें गैर संचारी रोगों की श्रेणी में रखा गया है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं।

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