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गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार संकल्पित : गन्ना उद्योग मंत्री

 पेराई सत्र में किसानों को निधार्रित मूल्य से दस रुपये अधिक प्रति कुंतल की दर से हुआ भुगतान
गन्ना किसानों और निवेशकों को गुड़ इकाई की स्थापना के लिए मिल रहा विशेष प्रोत्साहन: ईखायुक्त

त्रिलोकी नाथ प्रसाद।गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने कहा कि पेराई सत्र 2024-25 में ईख के निर्धारित मूल्य के अतिरिक्त किसानों को 10 रूपये प्रति कुंतल की दर से भुगतान किया गया है। यह सुविधा अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रहेगी। मंत्री बुधवार को बामेती सभागार, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की आर्थिक उन्नति सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनके हितों की रक्षा के लिए विभाग हर स्तर पर तत्पर है। इसके साथ ही राज्य सरकार सूबे की बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने के लिए ठोस पहल शुरू की है।

किसानों के हित में योजनाओं पर जोर
ईखायुक्त अनिल कुमार झा ने कहा कि राज्य सरकार कृषि यंत्र, प्रमाणित गन्ना बीज, बड-चिप एवं सिंगल बड विधि, साथ ही मसूर, सरसों एवं धनिया जैसी अंतर्वर्ती खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों और निवेशकों को गुड़ इकाई की स्थापना के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि गुड उत्पादन इकाइयों को उनकी पूंजी लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।
किसानों को ‘ईख मित्र’ ऐप से जुड़ने की अपील
संयुक्त ईखायुक्त जय प्रकाश नारायण सिंह ने किसानों को योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम के तीन प्रमुख घटक—प्रमाणित बीज प्रत्यक्षण, अंतर्वर्ती खेती और बड-चिप पद्धति—से उत्पादन लागत घटेगी और आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे ‘ईख मित्र’ ऐप से जुड़ें और अपनी समस्याएँ सीधे विभाग तक पहुंचाएं । साथ ही उन्होंने गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए चार फीट की दूरी पर कतारबद्ध रोपाई विधि अपनाने की सलाह दी ।
उक्त अवसर पर डॉ. डी. एन. कामत, वरिष्ठ प्रजनक, एस.आर.आई., पूसा (समस्तीपुर), डॉ. नवीन कुमार, वरिष्ठ शस्य विद, एस.आर.आई., पूसा, डॉ. सी.के. झा, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, एस.आर.आई., पूसा, महेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त निदेशक, ईख विकास, बिहार पटना, डॉ. देवेंद्र सिंह, निदेशक, ईख अनुसंधान संस्थान, पूसा (समस्तीपुर) तथा डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी (सैनि॰), वरिष्ठ वैज्ञानिक व अन्य अधिकारी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे ।

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