*त्वरित न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है गोपालगंज एसपी*
श्रीधर पाण्डेय-शांत स्वभाव,मृदुभाषी एवं तीखे तेवर के साथ अपनी पहचान स्थापित करने में सफल गोपालगंज के पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात जिले में कम्यूनिटी पुलिसिंग के साथ शांति का माहौल स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा अपराध करने वाला हर शख्स अपराधी ही है और उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा इसके लिए एसपी स्वर्ण प्रभात के नित्य नए प्रयोग से जिला पुलिस सफ़लता हासिल करती दिख रहीं हैं। जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारी , अभियोजन पदाधिकारी, के साथ मिलकर त्वरित न्याय दिलाने के लिए लगातार कोशिश में जुटे है।
गौरतलब हो कि पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने कार्यालय कक्ष मे अभियोजन से सम्बंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समीक्षा बैठक में जिले के डीएसपी, लोक अभियोजक, जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक लोक अभियोजन, सभी विशेष लोक अभियोजक गोपालगंज उपस्थित हुए। समीक्षा में पुलिस अधीक्षक द्वारा ससमय गवाही पूर्ण कराने एवं त्वरित विचारण के कांडों में यथाशीघ्र गवाही पूर्ण कराते हुए सजा करवाने का निर्देश संबंधित को दिया गया।
*स्पीडी ट्रायल से संबंधित-*
(क) प्रत्येक कार्यरत न्यायालय में प्रत्येक माह कम कम एक त्वरित विचारण से संबंधित निष्पादन कराया जाय एवं त्वरित विचारण के लिए चिन्हित कांडों का प्रत्येक दिन ट्रायल कराया जाय।
(ख) त्वरित विचारण हेतु चिन्हित कांडों एवं अन्य ऐसे कांडों में जिसमें न्यायालय द्वारा गवाहों
को बुलाने हेतु निर्देश दिया गया हो वैसे गवाहों की उपस्थिति टेलिफोनिक माध्यम से सूचना
उपलब्ध करायी जाय ताकि साक्षी न्यायालय में ससमय उपस्थित हो सके।
(ग) त्वरित विचारण कराने हेतु चिन्हित कांडों की सूची जिला स्तरीय अनुश्रणवन समिति की
बैठक में रखा जाय।
(घ) त्वरित विचारण के वादों में साक्षियों को प्राथमिकता के आधार पर उपस्थापित करायी
*जघन्य अपराधों के ट्रायल से संबंधित-*
(क) पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं Enquest Report की मूल प्रति को कांड दैनिकी के साथ न्यायिक
प्रक्रिया में उपलब्ध करायी जाय।
(ख) बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं जख्म जांच प्रतिवेदन के आरोप पत्र समर्पित नहीं किया जाय ।
(ग) Day to Day के अंतर्गत विचारण हेतु कांडों क साक्षियों को प्राथमिकता के आधार
पर उपस्थापित किया जाय।
(घ) माननीय उच्च न्यायालय के निगरानी में विचाराधीन कांडों के साक्षियों को प्राथमिकता के
आधार पर उपस्थापित किया जाय।
*आर्म्स एक्ट से संबंधित-*
(क) पुराने आर्म्स एक्ट जो गवाही के लिए लंबित चला आ रहा है उन सभी कांडों में प्राथमिकता के आधार पर सभी गवाहों को माननीय न्यायालय में उपस्थापित कराया जाय।
(ख) प्रत्येक थाना से आर्म्स एक्ट के अंतर्गत लंबित कांडो में से 2-2 कांड को त्वरित विचारण में जोड़ा जाय तथा त्वरित गवाही कराकर अभियुक्तो को सजा दिलाया जाय।
(ग) आर्म्स एक्ट में जो कांड उपस्थिति में चल रही है, अभियुक्तों माननीय न्यायायल में
उपस्थापन कराय जाय ।
*एन०डी०पी०एस० एक्ट से संबंधित*
(क) एन०डी०पी०एस० के तहत दर्ज काडों में एफ०एस०एल० रिपोर्ट के साथ आरोप पत्र
समर्पित किया जाय।
(ख) एन०डी०पी०एस० एक्ट में धारा-52 (ए) का अनुपालन किया जाय।
(ग) एफ०एस०एल० रिपोर्ट ससमय उपलब्ध कराया जाय।
*उत्पाद अधिनियम से संबंधित-*
(क) उत्पाद अधिनियम के तहत शराब जांच के मूल हस्ताक्षरित जांच प्रतिवेदन कांड दैनिकी
के साथ उपलब्ध करायी जाय।
(ख) उत्पाद के कांडों में शराब विनष्टीकरण प्रमाण-पत्र न्यायिक अभिलेख के रूप में संधारण
के लिए भेजा जाय।
(ग) गृह रक्षक बल को जब्ती सूची का साक्षी नहीं बनाया जाय।
(घ) जप्ती सूची बनाते समय अगर स्वतंत्र साक्षी नहीं मिलता है तो प्राथमिकी में इसका उल्लेख किया जाय।
समीक्षा के क्रम में अद्योहस्ताक्षरी द्वारा उपरोक्त वर्णित तथ्यों पर विचार करते हुए उपरोक्त
अभियोजकों के साथ अगली बैठक हेतु अनुरोध किया गया।