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गोपालगंज : उपवास रह गरीबो की पेट भरती मुखिया बेबी..

गोपालगंज/श्रीधर पाण्डे, सम्पूर्ण विश्व जब कोरोना महामारी से मुकाबला कर रहा है, समाज का हर व्यक्ति एक दूसरे की क्षमतानुसार मदद कर रहा है|इस दौर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है।जैसा कि पिछले दिनों “पंचायती राज दिवस” के अवसर पर भारत के विभिन्न राज्यों के कुछ पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया।पंचायत व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई है… जहाँ लोगों का जीवन करीब से जुडा़ है, मुसीबत में सबसे पहले लोग अपने मुखिया के पास ही जाते हैं।आज हम बात कर रहे हैं बिहार के एक ऐसी महिला मुखिया की जिसने अपने गरीब मजदूरों की मदद के लिए खुद एक वक्त खाना छोड़ दिया।गोपालगंज जिले के बरौली विधानसभा अन्तर्गत महम्मदपुर निलामी पंचायत की मुखिया है, बेबी देवी।कोरोना महामारी को रोकने हेतु जब देश में लाकडाउन की घोषणा हुई, तो जो जहाँ था वही कैद हो गया।एक महिला जिसे गृहस्थी का ज्यादा अनुभव होता है, उसने गरीब मजदूरों की होने वाली समस्याओं के बारे में सोचा।चुकि सरकार की ओर से इस आपदा के लिए कोई मदद अभी तक नहीं पहुंच पाया है, इसलिए आसपास के लोगों की सहायता से घर के जरूरत की राशन सामग्री पैक कराकर, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन 200 गरीब परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचा रही हैं एक दिन ऐसा भी आया, जब घर में बनाने के लिए रखे गए राशन को भी एक मजदूर को देना पडा़।उस दिन से ये मुखिया केवल एक वक्त ही खाना खाती है..ताकि जरूरतमंद कोई भुखा न सोये।इस महामारी में सबसे ज़्यादा परेशान मजदूर वर्ग है, सबका रोजगार छीन गया है।कुछ लोग बाहर से भी गाँव लौटे हैं, इन लोगों को आर्थिक तंगी से भूखा न सोना पडे, इसकी जिम्मेदारी मुखिया पुत्र सचिन सिंह उठा रहे हैं।पंचायत के ऐसे लगभग 150 मजदूरों को पिछले एक हफ्ते से मनरेगा के तहत उनके घर के पास ही काम मिल रहा है, जो काफी मददगार साबित हो रहा है।इस प्रकार सच्चे अर्थों में एक महिला अपने जनप्रतिनिधि होने का फर्ज अदा कर रही हैं।इससे अगर राज्य के अन्य जनप्रतिनिधि भी प्रेरणा लेते, तो पलायन की बड़ी समस्या पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।

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