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*यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में शोकपूर्ण दिन होता है गुड फ्राइडे:*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, ::गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शोकपूर्ण दिन है, जो यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ाए जाने और उनके बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन ईस्टर संडे से पहले शुक्रवार को आता है और इसे “होली फ्राइडे”, “ग्रेट फ्राइडे” या “ब्लैक फ्राइडे” के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई समुदाय इस दिन को गहन प्रार्थना, उपवास और आत्मचिंतन के साथ मनाता है, जो मानवता के प्रति यीशु के प्रेम और बलिदान को दर्शाता है।

ईसाई मान्यताओं के अनुसार, यीशु मसीह को उनके समय के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं द्वारा क्रूस पर चढ़ाया गया था। यह घटना यरूशलम में हुई थी और इसे ईसाई धर्म में मानवता के पापों के प्रायश्चित के रूप में देखा जाता है। यीशु का यह बलिदान उनके अनुयायियों के लिए मोक्ष और उद्धार का प्रतीक बन गया।

गुड फ्राइडे, होली वीक का हिस्सा है, जो पाम संडे से शुरू होकर ईस्टर संडे तक चलता है। इस सप्ताह के दौरान, ईसाई समुदाय यीशु के अंतिम दिनों, उनके कष्टों और मृत्यु पर ध्यान केंद्रित करता है। गुड फ्राइडे विशेष रूप से उनके क्रूस पर चढ़ाए जाने और मृत्यु की स्मृति में मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे के दिन, ईसाई समुदाय विभिन्न परंपराओं और अनुष्ठानों के माध्यम से यीशु के बलिदान को याद करता है। कई ईसाई इस दिन उपवास रखते हैं और मांसाहार से परहेज करते हैं। यह आत्मसंयम और प्रायश्चित का प्रतीक है। विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें बाइबिल से यीशु के कष्टों और मृत्यु की घटनाओं का पाठ किया जाता है। कुछ स्थानों पर “स्टेशन्स ऑफ द क्रॉस” का आयोजन होता है, जिसमें यीशु के क्रूस तक के मार्ग को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया जाता है।

चर्चों में क्रूस को प्रदर्शित किया जाता है और श्रद्धालु उसे चूमकर या स्पर्श करके अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। इस दिन चर्चों में घंटा नहीं बजाया जाता है; इसके स्थान पर लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। यह मौन और शोक का प्रतीक है। कई श्रद्धालु काले या गहरे रंग के वस्त्र पहनते हैं, जो शोक और गंभीरता का संकेत है।

चर्चों और घरों में सजावटी वस्तुएं हटा दी जाती हैं या उन्हें कपड़े से ढक दिया जाता है, जिससे वातावरण में गंभीरता और शोक की भावना बनी रहे।

गुड फ्राइडे विश्वभर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। यूनाइटेड किंगडम में गुड फ्राइडे एक सार्वजनिक अवकाश होता है। चर्चों में विशेष सेवाएं आयोजित की जाती हैं और कई लोग उपवास रखते हैं।

फिलिपींस में गुड फ्राइडे के दिन लोग सड़कों पर जुलूस निकालते हैं, जिसमें कुछ लोग यीशु के कष्टों का अनुकरण करते हैं। कुछ स्थानों पर लोग स्वयं को कोड़े मारते हैं या क्रूस पर चढ़ने का अभिनय करते हैं।

इटली और स्पेन देशों में गुड फ्राइडे के अवसर पर भव्य जुलूस निकाले जाते हैं, जिनमें धार्मिक मूर्तियों को प्रदर्शित किया जाता है और श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं।

भारत में भी गुड फ्राइडे को गंभीरता से मनाया जाता है, विशेष रूप से गोवा, केरल, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों में। चर्चों में विशेष सेवाएं आयोजित की जाती हैं और श्रद्धालु उपवास रखते हैं।

ईसाई मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद, रविवार को यीशु मसीह पुनः जीवित हो गए थे, जिसे ईस्टर संडे कहा जाता है। यह पुनरुत्थान ईसाई धर्म में आशा, जीवन और मोक्ष का प्रतीक है। गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे के बीच का यह समय ईसाई समुदाय के लिए आत्मचिंतन, प्रार्थना और आत्मशुद्धि का होता है।

गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शोकपूर्ण दिन है, जो यीशु मसीह के बलिदान और मानवता के प्रति उनके प्रेम की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन श्रद्धालुओं को आत्मचिंतन, प्रार्थना और आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है। गुड फ्राइडे की परंपराएं और अनुष्ठान विश्वभर में विविधता से परिपूर्ण होता हैं, लेकिन सभी का उद्देश्य एक ही होता है – यीशु के बलिदान को याद करना और उनके उपदेशों का पालन करना।
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