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बिहार दिवस पर “जीविका” की सुनहरी पहल: ग्रामीण युवा और महिलाओं के सपनों को मिली नई उड़ान

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – बिहार दिवस के शुभ अवसर पर मसौढ़ी प्रखंड के गांधी मैदान में आयोजित रोजगार सह मार्गदर्शन मेला ने ग्रामीण युवाओं के सपनों को एक नई दिशा दी और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत आयोजित इस मेले ने न केवल रोजगार के अवसर प्रदान किए, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों को भी मजबूती दी।

उम्मीदों के दीप जले, सपनों ने भरी उड़ान

इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री माननीय श्री श्रवण कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। जैसे ही दीया जला, मानो युवाओं और महिलाओं के मन में उम्मीदों की रोशनी भर गई। जीविका की दीदियों ने मधुर स्वागत गीत से माहौल को संगीतमय बना दिया, मानो हर स्वर यही कह रहा था— “अब बदलने वाला है वक्त, अब उड़ान भरने का है समय।”

अपने संबोधन में माननीय मंत्री जी ने कहा—
“यदि हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना है, तो मेहनत, कुशलता और आत्मनिर्भरता को अपनाना होगा। यह रोजगार मेला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना केवल परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए आवश्यक है।”
उन्होंने सतत जीविकोपार्जन योजना और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीविका दीदियों को तालाब आवंटन और दीदी अधिकार केंद्र जैसी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं अब आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं। जो महिलाएं कभी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करती थीं, वे आज आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिलाओं को समान अवसर देने के प्रयास लगातार जारी हैं। जाति, धर्म, और वर्ग से परे, जिस तरह सूरज सबको समान रूप से रोशनी देता है, उसी तरह जीविका हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है।

रोजगार मेले में युवाओं को सुनहरा अवसर

इस मेले में Swiggy, Quess , अशोक लीलैंड, अरविंद मिल, फ्लिपकार्ट, शिवशक्ति फर्टिलाइजर लिमिटेड, G4S, मेड प्लस जैसी 16 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लिया। कंपनियों ने युवाओं की प्रतिभा को पहचाना और मौके पर ही 10 युवाओं को जॉब ऑफर दिए। पूरे दिन चले इस आयोजन में 2173 से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें से 192 से अधिक युवाओं का प्राथमिक चयन किया गया।
यह रोजगार मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलक थी। यहां महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए और युवा अपनी प्रतिभा को निखारकर सफलता की ओर अग्रसर हुए।

“जहां चाह, वहां राह”—इस सोच के साथ यह मेला ग्रामीण विकास की एक नई कहानी लिख गया। यह सिर्फ शुरुआत है, आगे की कहानी इन युवाओं और दीदियों के संघर्ष, मेहनत और सफलता से लिखी जाएगी।

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