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किशनगंज : जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया गोदभराई उत्सव, उचित पोषण की दी गई जानकारी।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर शनिवार को गोदभराई उत्सव का आयोजन किया गया। गोदभराई उत्सव के दौरान लाभार्थियों को पोषण से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली व फल आदि शामिल थे। पोटली में सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ा और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गई। वहीं, सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर स्वस्थ समाज निर्माण के लिए लोगों को जागरूक किया गया। आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने बताया, की गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। साथ ही गर्भवतियों को पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, दाल सेवन करने का तरीका बताया गया। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गई। जिसमें बताया गया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। उन्होंने बताया, की सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। वही पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ जीनत यास्मिन ने बताया, जिले के सभी प्रखंडों में गोदभराई उत्सव मनाया गया। जिसके दौरान मौजूद लाभार्थियों को बताया गया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है। सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ ने बताया की गर्भवती माता, किशोरियां व बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सिरप देनी चाहिए। आपको बताते चलें कि राष्टीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया, गोदभराई उत्सव के दौरान मौजूद लोगों को स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर भी जागरूक किया गया। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया गया और स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई। जिसके दौरान खुद के साथ-साथ परिवार और समाज को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी सलाह दी गई एवं स्वच्छता से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई।

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