परिवार नियोजन मेला आयोजित: “छोटा परिवार, बड़ा सुख” की ओर सरकार का संकल्प
सदर अस्पताल परिसर में जिला स्तरीय कार्यक्रम, सिविल सर्जन ने किया उद्घाटन, योजनाओं और जागरूकता का किया व्यापक प्रचार

किशनगंज,11सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, तेजी से बढ़ती जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करने और एक स्वस्थ, सशक्त समाज के निर्माण के उद्देश्य से परिवार नियोजन मेला का आयोजन गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर में किया गया। इस जिला स्तरीय मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने किया और मीडिया के माध्यम से सरकार की मंशा व योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में डॉ. उर्मिला कुमारी (जिला एनसीडी पदाधिकारी), डॉ. मंजर आलम (जिला संक्रामक रोग पदाधिकारी), डॉ. देवेंद्र कुमार (प्रतिरक्षण पदाधिकारी), डॉ. अनवर हुसैन (सदर अस्पताल उपाधीक्षक), डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, पीएसआई केशरीनाथ साह समेत बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
जनसंख्या नियंत्रण: सशक्त समाज की नींव
सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण केवल स्वास्थ्य नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास का विषय है। “जब प्रत्येक दंपति ‘छोटा परिवार, बड़ा सुख’ को अपनाता है, तभी बच्चों को बेहतर शिक्षा, महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व और युवाओं को पर्याप्त अवसर मिलते हैं।”
पुरुषों की भागीदारी पर विशेष बल
परिवार नियोजन में पुरुषों की भूमिका को अहम बताते हुए डॉ. चौधरी ने कहा कि पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित और सरल उपाय है, जिसे लेकर अब समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
डॉ. अनवर हुसैन ने भी चिंता जताई कि महिलाएं ही अधिकांश साधनों का उपयोग कर रही हैं, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ रहा है। पुरुषों को जिम्मेदारी लेनी होगी ताकि महिलाओं को बार-बार गर्भधारण के जोखिम से बचाया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी
डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि आज भी कई गांवों में गर्भनिरोधक साधनों के बारे में जानकारी की भारी कमी है। उन्होंने अंतरा, छाया जैसी अस्थायी विधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सही जानकारी और परामर्श से महिलाएं अपने स्वास्थ्य के अनुकूल विकल्प चुन सकती हैं।
डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि बिना अंतराल के गर्भधारण से महिलाओं में बीपी, डायबिटीज और एनीमिया जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। परिवार नियोजन से न केवल जन्म नियंत्रण बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
योजनाओं का लाभ हर गरीब तक पहुँचे
डीपीसी विश्वजीत कुमार ने जानकारी दी कि सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि जैसे –
- पुरुष नसबंदी: ₹3000
- महिला नसबंदी: ₹2000
- अंतरा/कॉपर-टी: ₹100–₹300
सीधे लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जाती है।
उन्होंने कहा कि “कई गरीब परिवार सोचते हैं कि ये योजनाएं उनके लिए नहीं हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये सुविधाएं निःशुल्क और सभी के लिए उपलब्ध हैं।”
मीडिया से सहयोग की अपील
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने मीडिया की सराहना करते हुए अपील की कि परिवार नियोजन को सामाजिक आंदोलन बनाने में मीडिया की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने कहा, “जब मीडिया जिम्मेदारी से संदेश देता है, तो समाज की झिझक टूटती है और विश्वास बढ़ता है। हमारा उद्देश्य है कि हर नागरिक परिवार नियोजन को सम्मानजनक और अधिकारपूर्ण निर्णय के रूप में देखे।”
मेले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के अंतर्गत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निःशुल्क नसबंदी, कॉपर-टी, अंतरा, गर्भनिरोधक गोलियां और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।