बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/BJP कोटे के 7 विधायक मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। सबसे पहले दरभंगा से BJP विधायक संजय सरावगी ने शपथ ली। उन्होंने मैथिली में शपथ ग्रहण की।
इसके बाद बिहारशरीफ से BJP विधायक सुनील कुमार ने शपथ ली।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सभी विधायकों को शपथ दिला रहे हैं। NDA को सबसे ज्यादा सीटें देने वाले मिथिलांचल के 4 विधायक बनेंगे मंत्री बनेंगे। JDU कोटे से कोई नया मंत्री नहीं होगा।
शपथ ग्रहण से पहले सुनील कुमार, मोतीलाल प्रसाद, विजय मंडल और संजय सरावगी समेत सातों विधायक बीजेपी ऑफिस पहुंचे। चारों ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मुलाकात की।
इससे पहले अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ मंत्रियों की लिस्ट लेकर राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल के प्रधान सचिव को शपथ लेने वाले विधायकों की लिस्ट सौंपी।
बुधवार सुबह करीब 10 बजे दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने CM नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौंपा।
नीतीश कैबिनेट में मिथिलांचल के 6 मंत्री होंगे
नीतीश कैबिनेट विस्तार में 7 विधायकों को मंत्री बनाया जा रहा है। इनमें 6 विधायक उत्तरी बिहार के इलाके से आते हैं। सबसे अहम ये है कि इस कैबिनेट विस्तार में मिथिलांचल को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जा रही है।
मिथिलांचल के दरभंगा जिले में आने वाली दरभंगा और जाले विधानसभा के विधायकों को मंत्री बनाया जा रहा है। इसके अलावा सीतामढ़ी के रीगा के विधायक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल रही है।
अगर इसमें मुजफ्फरपुर के साहेबपुर को भीजोड़ दें तो मिथिलांचल से मंत्रियों की संख्या 4 हो जाएगी। इससे पहले कैबिनेट में केदार प्रसाद गुप्ता और हरि सहनी पहले से ही मिथिलांचल से मंत्री हैं। इस हिसाब से कैबिनेट में 6 मंत्री मिथिलांचल के हो जाएंगे।
इसके अलावा सीमांचल से एक विधायक को मंत्री बनाया जा रहा है। इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी सीमांचल से आते थे। ऐसे में उनके इस्तीफा देने के बाद उनकी भरपाई के तौर पर भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है।
मिथिलांचल NDA का गढ़, 70 फीसदी विधायक
मिथिलांचल को NDA का गढ़ कहा जाता है। मिथिलांचल के सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशली जैसे अहम जिले आते हैं। इन जिलों में विधानसभा की 60 सीटें आती हैं, इनमें 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के 40 विधायक जीते थे।
विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरता रहा है।
इसी कारण चुनाव के पहले कैबिनेट विस्तार किया जा रहा है। सरकार कैबिनेट विस्तार के जरिए जातिगत समीकरण को भी साधना चाहती है। कैबिनेट में जो नए मंत्री शपथ लेंगे उनमें भी जातिगत समीकरण के हिसाब से ही मंत्री बनाए जाएंगे।
2 विभाग वाले मंत्रियों का एक विभाग छिन सकता है
जिन मंत्रियों के पास दो या दो से अधिक मंत्री पद हैं, उनसे एक विभाग को लिया जा सकता है। ये विभाग नए मंत्री को दिया जाएगा। कई ऐसे मंत्री हैं, जिसके पास दो या दो से अधिक विभाग हैं। जानकारी के मुताबिक पार्टी के बड़े चेहरे से भी विभाग की कटौती की जा सकती है। ये नए मंत्री को दी जा सकती है।