समय से परीक्षा, समय से परिणाम- बिहार बोर्ड की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय पहचानः अरविंद निषाद

मुकेश कुमार/जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्री अरविंद निषाद ने सोशल मीडिया संवाद करते हुए कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपने सतत सुधार, पारदर्शी कार्यप्रणाली और तकनीकी दक्षता के बल पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। परीक्षा संचालन की प्रक्रिया, परीक्षा संचालन की पद्धति, समय से पूर्व परीक्षाओं का आयोजन तथा पूरे देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटरमीडिएट के छात्रों को समयबद्ध परीक्षाफल उपलब्ध कराने जैसी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इसके साथ ही सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली एवं रिकाॅर्ड प्रबंधन प्रणाली को विकसित करने के लिए भी बिहार बोर्ड को देश में पहली बार यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि न केवल बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लिए, बल्कि पूरे बिहार राज्य के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने कहा कि आज बिहार की युवा आबादी पूरे देश में एक विशिष्ट पहचान रखती है। 35 वर्ष से कम आयु के नागरिक राज्य की सबसे बड़ी जनसंख्या हैं और यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। यह युवा शक्ति कोई बोझ नहीं, बल्कि बिहार के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा अवसर है। यदि युवाओं को सही दिशा, उचित शिक्षा और प्रासंगिक कौशल मिले, तो बिहार की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छू सकती है।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने युवाओं को केंद्र में रखकर शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में अनेक दूरदर्शी योजनाएं लागू की हैं। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये तक की ब्याज मुक्त सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे हजारों युवा देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्ययन कर आज सम्मानजनक पदों पर कार्यरत हैं। कुशल युवा कार्यक्रम के जरिए युवाओं को संचार कौशल, आईटी स्किल, कंप्यूटर ज्ञान और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। आज राज्य के प्रत्येक प्रखंड में प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनसे लाखों युवाओं को लाभ मिला है।
स्वयं सहायता भत्ता योजना उन युवाओं के लिए संबल बनी है, जिनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है और जो रोजगार की तलाश में हैं। यह योजना युवाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर उन्हें बिना तनाव के कौशल विकास और नौकरी की तैयारी का अवसर देती है। मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के अंतर्गत इंटरशिप और कौशल कार्यक्रमों में भाग लेने वाले युवाओं को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जिससे उन्हें कार्य अनुभव के साथ-साथ आर्थिक सहयोग भी मिल रहा है। इसके साथ ही स्टार्टअप बिहार नीति ने स्वरोजगार और उद्यमिता को नई गति दी है, जहां सरकार फंडिंग, मेंटरशिप और इन्क्यूबेशन की सुविधा देकर युवाओं को नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2025 से 2030 के बीच बिहार के युवाओं को एक करोड़ रोजगार और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे पूर्व 2020 से 2025 के कार्यकाल में दस लाख सरकारी नौकरी और दस लाख रोजगार का वादा किया गया था, जिसे अपेक्षा से कहीं अधिक सफलतापूर्वक पूरा करते हुए लगभग पचास लाख युवाओं को रोजगार और नौकरी से जोड़ा गया।
इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार करने के लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा तीन नए विभागों-युवा सशक्तिकरण एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग तथा नागरिक उड्डयन विभाग-का गठन किया गया है। इन विभागों का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक कौशल से लैस करना, उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और नए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। कृषि आधारित उद्योग, आईटी और डिजिटल सेक्टर, पर्यटन एवं हाॅस्पिटैलिटी, एमएसएमई, स्टार्टअप और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में बिहार के युवाओं के लिए व्यापक संभावनाएं विकसित की जा रही हैं।



