District Adminstrationकिशनगंजब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : फाइलेरिया से ग्रसित दस मरीजों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र।

केंद्र व राज्य सरकार की सभी दिव्यांग योजनाओं का मिलेगा लाभ।

  • जिले के 10 हाथीपांव मरीजों को मिला यूआईडी नम्बर।
  • अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर दिलायी गयी मरीजों को सुविधा।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, फाइलेरिया (हाथीपांव) से ग्रसित होने पर मरीज जीवन भर दिव्यांगता का शिकार रहते पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें दिव्यांगता की श्रेणी में नहीं जोड़ा जाता था। लेकिन अब हाथीपांव मरीजों को भी दिव्यांगता की श्रेणी में जोड़ा गया है। अब उन सभी मरीजों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा ताकि उन्हें केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके। हाथीपांव मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में जोड़ने के क्रम में शुक्रवार को जिले के 10 हाथपांव ग्रसित मरीजों को सिविल सर्जन कार्यालय में दिव्यांगता मेडिकल बोर्ड के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ राहुल कुमार एवं डॉ अंगद चौधरी के द्वारा फाइलेरिया मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हुए दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया। प्रमाण पत्र मिलने से सभी मरीजों के चेहरे पर खुशी की लहर दिखाई दी। इसके लिए सभी मरीजों ने सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम एवं जिला वेक्टर जनित सलाहकार अविनाश रॉय सहित उन सभी अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापन किया जिनके कारण उन्हें इसका लाभ मिल सका। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि राज्य निःशक्तता आयुक्त के निर्देश पर हाथीपांव से ग्रसित मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया गया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए विभाग से अपील की गई थी जिसकी अनुमति मिल गई। शुक्रवार को 10 हाथीपांव ग्रसित मरीजों को यूआईडी नम्बर के साथ दिव्यांगता प्रमाणपत्र दे दिया गया। जिसमें ठाकुरगंज प्रखंड से 06, बहादुरगंज प्रखंड से 01, किशनगंज प्रखंड से 02, दिघलबैंक प्रखंड से 01 एवं कोचाधामन प्रखंड के 01 मरीज शामिल रहे। प्रमाण पत्र मिलने से अब उन सभी मरीजों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि हाथीपांव मरीजों को गंभीरता के आधार पर श्रेणी तय कर दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। इसके लिए चार तरह के ग्रेड तय किए गए हैं। उन ग्रेड के आधार पर मरीजों को प्रमाणपत्र मिलेगा जिसके अनुसार उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर मरीजों को सभी सरकारी योजनाओं के आरक्षण, रेलवे यात्रा या अन्य दिव्यांगजनों को मिलने वाला लाभ उपलब्ध हो सकेगा।जिला वेक्टर जनित सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि हाथीपांव के मरीजों को भी दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भरसक प्रयास किया गया। यह यूआईडी नंबर प्रमाण पत्र धारक को केंद्र और राज्य सरकार के अनुसार उपलब्ध सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। जिले में जितने भी मरीज हाथीपांव से ग्रसित हैं उनसभी मरीजों की पहचान कर उन्हें गंभीरता के आधार पर प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। जिससे कि उन्हें लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि जिले में हर माह सिविल सर्जन कार्यलय में कैंप का आयोजन कर हाथीपांव ग्रसित मरीजों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

Related Articles

Back to top button