किशनगंज : जिले की एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण को उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला राज्यस्तरीय सम्मान

संक्रमण काल में कोविड की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने में अहम् भूमिका
किशनगंज, 14 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आईएचआईपी के जरिए शहर या गांव में फैल रही बीमारियों के बारे में अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश सरकार व केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को रोज डेटा भेजा जा रहा है। विभाग द्वारा जिले के किसी भी गांव व शहर में बीमारियों का तत्काल पता लगाने के लिए इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म पोर्टल के जरिये जानकारी ली जा रही है। इस प्लेटफार्म पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की एएनएम द्वारा संबंधित इलाके में बढ़ने वाली बीमारियों का आंकड़ा सीधे पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। इसके जरिए प्रदेश व केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को उसके निवारण के लिए गंभीर कदम उठाने में सहूलियत होती है। इसी क्रम में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और इसके अंतर्गत संक्रामक बीमारियों के विषय में तत्काल सूचना प्राप्त कर नियंत्रण और रोकथाम के उद्देश्य से आईएचआईपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म) में सूबे में जिला के आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण ने उत्कृष्ट कार्य किया है। साथ ही कोविड महामारी की रोकथाम में भी प्रशंसनीय कार्य किया है। इस उपलब्धि पर जिला सर्विलांस यूनिट, किशनगंज को आज राज्यस्तर पर सम्मानित किया गया। इसके लिए पटना में आज हुई आईडीएसपी की कार्यशाला में सम्मान-पत्र प्रदान किया गया है, जो जिले के लिए गौरव की बात है। विदित हो की आईएचआईपी में देश में बिहार का तीसरा स्थान है। इसका श्रेय अन्य जिलों के एपिडेमियोलॉजिस्ट के साथ रीना प्रवीण को भी जाता है। रविवार को सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सदर अस्पताल परिसर में एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण की सराहना करते हुए कहा कि संक्रमण काल के पहले चरण से आईडीएसपी के अंतर्गत संक्रामक बीमारियों की पहचान, बचाव और रोकथाम से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी को आईएचआईपी में डाटा ससमय प्रविष्ट करने के लिए एवं राज्य में जिले का नाम रौशन किया है। जिसके लिए वे धन्यवाद एवं बधाई के पात्र हैं। उन्होंने संक्रमण काल में संक्रामक बीमारी के विषय में तत्काल सूचना प्राप्त कर नियंत्रण और रोकथाम के लिये किये गये कार्यों, नवाचार और प्रयासों की जानकारी पोर्टल पर प्रविष्ट करवाई जो की प्रशंनीय है। सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कि इस एप के जरिए एएनएम आदि को तुरंत ही सभी मरीजों का डेटा ऑनलाइन फीड करना होता है।
यही नहीं अगर गांव में किसी दूसरी बीमारी के मरीज भी मिलते हैं तो उनकी जानकारी भी इस एप पर तुरंत अपलोड की जाती। जितने लोग पीड़ित होंगे, उनकी संख्या एप पर उसी समय फीड करनी होगी। वहीं रियल टाइम लोकेशन भी फीड करनी होगी। मरीजों की संख्या फीड होते ही पीएचसी प्रभारी, सीएचसी प्रभारी, एसीएमओ और अन्य अधिकारियों को इसका मैसेज पहुंच जाएगा। सीएचसी प्रभारी को उस पर तत्काल टीम बनाकर कार्रवाई करते हुए रिमार्क डालना होगा। आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण ने बताया कि वह अप्रैल 2020 में जिले में पदस्थापित हुई थी। तब संक्रमण काल अपने चरम सीमा पर था। उस समय सभी लोग डरे हुए थे। फिर भी संक्रमण की जानकारी आईएचआईपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म) पर ससमय प्रविष्ट करना अतिआवश्यक था। जिसकों एक चुनौती के रूप में लेकर मैने काम किया। इस कार्य में हमेशा वरीय चिकित्सा पदाधिकारी, सिविल सर्जन एवं जिला स्वास्थ्य समिति के साथ सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पदाधिकारियों ने मेरा बखूबी साथ दिया है। जिसके कारण मैं सभी काम को समय पर करती गयी। यह अवार्ड मिलने से मैं काफी खुश हूँ। अवार्ड मुझे आगे कार्य करने में और जोश भरेगा। आगे भी मैं पूरी तन्मयता के साथ कार्य करूंगी।