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*बिहार में उद्यमिता क्रांति, हर विचार बन रहा कारोबार*

- बिहार में उद्यमिता की नई उड़ान - सरकारी योजनाओं से मिल रहा लाभ

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं अब प्रदेश के आर्थिक विकास और उद्यमिता को नई दिशा देने लगी हैं। गरीब परिवारों से लेकर नवाचार आधारित स्टार्टअप तक, सभी को सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जा रहा है।

उद्योग विभाग की एक ऐसी ही योजना जिसके तहत लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत गरीब परिवारों को मासिक आय के आधार पर दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता अनुदान के रूप में दी जा रही है। अब तक 60,205 लाभार्थियों को 512.33 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत अनुदान की राशि तीन किस्तों में दी जाती है, पहली किस्त में 50 हजार, दूसरी में 1 लाख और तीसरी में 50 हजार रुपये।
नए उद्योग स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना भी युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत परियोजना राशि के रूप में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत अब तक 43526 लाभार्थियों को 3072.45 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। इस सहयोग से हजारों युवाओं ने अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इसी तरह बिहार स्टार्टअप नीति ने भी नवाचार और नई सोच वाले युवाओं को बड़ा अवसर दिया है। इस योजना में 10 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें अब तक 1522 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 46 स्टार्टअप सेल और 22 इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अलावा पिछले वर्ष में 2261 एमएसएमई और स्थानीय उद्योगों को जोड़ा गया।
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्यभर में 1903 जागरूकता शिविर और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में 8099 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया और 91 छात्रों को इंटर्नशिप का अवसर मिला। वहीं, स्टार्टअप्स को पूंजी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने सिडबी के साथ 150 करोड़ रुपये के फंड का एमओयू भी किया है।

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