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नियम कानून को ताक पर रखकर बेखौफ धड़ल्ले से भरते फर्राटे शहर में डम्फर

नो इंट्री शहर में लागू नहीं हो रहा, डीएम से मिलेंगे मुख्य पार्षद

सुमित राज यादव/ठाकुरगंज/किशनगंज एक तरफ नगर प्रशासन द्वारा समय सीमा तय करके वाहनों के गुजरने और आम लोगों के लिए सुगम व्यवस्था के लिए प्रशासन प्रयासरत हैं। वही, दूसरी ओर 18 चक्का डम्फर और ट्रक की लंबी कतार के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। नियम और कानून को ताक पर रखकर मखौल उड़ाते हुए दिखते हैं। आमजन को एक तरफ धूल का सामना करना पड़ता हैं तो दूसरी तरफ बड़ी वाहनों के प्रवेश से अक्सर जाम की समस्या अब महजाम का रूप ले चुकी हैं।

प्रमोद कुमार चौधरी,
पूर्व मुख्य पार्षद नगर पंचायत ठाकुरगंज

ठाकुरगंज बाजार से प्रवेश करके नगर पंचायत से कनकपुर पंचायत और सखुआडाली पंचायत के बालू घाट को जाने वाली ट्रकों और डम्फर के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि स्कूली बच्चों को साइकिल से स्कूल जाने में साइड नहीं दिया जाता हैं। बेखौफ स्पीड से कई बार दुर्घटना भी हुई हैं। पानी नहीं दिए जाने से सड़कों पर उड़ती धूलों से आंखों से बच्चों से लेकर बूढों तक के आंख के लिए परेशानी बन रही हैं। वही, स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अक्सर सोशल मीडिया साइट्स पर अवैध खनन का भी मामला सामने आता रहता हैं। लेकिन, यह जांच तो पुलिस और प्रशासन के जांच का विषय है। जिसमें उदासीनता से ग्रामीणों में भी नाराजगी है। हमारा काम मामले को प्रकाश में लाना है आगे सबकुछ तो सरकार और कानून के हाथों निहित हैं।

श्री कृष्ण सिंह उर्फ सिकंदर पटेल
मुख्य पार्षद नगर पंचायत ठाकुरगंज

जहां एक तरफ बिहार सरकार के गृह मंत्री, उप मुख्यमंत्री, खनन विभाग के मंत्री इनाम सहित तरह तरह के दावे कर सचेत करने का काम कर रही हैं। ठीक इसके विपरीत दिन रात दौड़ने वाली ट्रक और हैवा सारी पोल खोल देती हैं। लगातार सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरें सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर होते दिखती हैं। मस्तान चौक से होकर ढिबरी होकर मानिकपुर से चेगाघाट के रास्ते खदान तक की क्या स्थिति रह गई हैं यह किसी से छिपी नहीं है। इसके बावजूद भी तरह तरह के ग्रामीणों की कार्रवाई न होने पर बेरुखी कई सवाल खड़े करती हैं। बहरहाल नगर प्रशासन भी अपने वादे पर विफल होती प्रतीत हो रही हैं तो जिला प्रशासन भी मामले को संज्ञान में लेने से कतरा रही हैं। ग्रामीण ने बताया कि सरकार द्वारा हेल्प लाइन नंबर, उड़ती धूल की ट्रक की फोटो के साथ अपलोड करने के लिए जाती एप्लिकेशन पर भी ध्यान नहीं दिया जाता हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रात के अंधेरे में अवैध खनन करके सैकड़ों ट्रक बाहर बालू की ढुलाई करते हैं। बहरहाल हर कोई अपनी कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। ऐसे में नियम कानून को ताक पर रखकर सरकार के नियमों का मखौल उड़ाने वाले नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले पर करवाई कब होगी और स्कूली बच्चों सहित आमजन को राहत कब मिलेगी यह भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।

कार्रवाई के नाम कोरम पूरा_
कार्रवाई के नाम पर दिन के उजाले में कभी कभी छोटे-छोटे ट्रैक्टर पर कार्रवाई दिखती हैं जो अपने जीवन यापन करने के लिए EMI पर ट्रेक्टर खरीदकर चलाते हैं और जिससे दो चार परिवार का मेहनत मजदूरी करके घर चलता हैं। लेकिन, रात के अंधेरे में बड़ी वाहनों पर ऐसी करवाई शून्य है। ज्ञात हो कि वास्तविकता की जांच कर कार्रवाई होती दिखती नहीं है। स्थानीय युवा और ग्रामीण जिला प्रशासन से मिलकर ज्ञापन सौंपकर जनांदोलन का भी मूड बना रहे हैं।

ग्रामीण सड़क का बुरा हाल_
बिहार के ठाकुरगंज नगर पंचायत से होकर कनकपुर पंचायत और सखुआडाली पंचायत से पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। लगातार क्षमता से अधिक लोड बालू के ट्रकों के परिचालन से ग्रामीण सड़क का बुरा हाल हो गया हैं। स्थानीय जानकारों की माने तो अपनी निजी व्यवस्था मार्ग का इस्तेमाल न कर सरकार के सड़क और परिवहन विभाग को भी चुना लगाने वाले ट्रको का परिचालन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में लगाम लगाना जिला प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं हैं।

क्या कहते हैं मुख्य पार्षद नगर पंचायत ठाकुरगंज-
नगर पंचायत मुख्य पार्षद श्रीकृष्ण सिंह उर्फ सिकंदर पटेल से नो इंट्री लागू करने के विषय में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बोर्ड के बैठक में प्रस्ताव के बाद नो इंट्री शहर में लागू की गई थी। स्थानीय पुलिस प्रशासन से बार बार लागू करने की बात होती हैं। नगर में सख्ती से नो इंट्री लागू कराई जायेगी। जिला पदाधिकारी किशनगंज और पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस विषय पर बात करेंगे।

क्या कहते हैं पूर्व मुख्य पार्षद ठाकुरगंज_
ठाकुरगंज नगर पंचायत के पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद कुमार चौधरी ने बताया कि अगर आज नगर में नो इंट्री लागू नहीं हो पाई है तो इसमें लागत राशि की उपयोगिता व्यर्थ हैं। बोर्ड से प्रस्तावित निर्णय को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरी राशि का दुरूपयोग है और आमजन को जाम से मुक्ति दिलाने और नो इंट्री के झूठे वादे की पोल खोल रही हैं। स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ नगर पंचायत प्रशासन एवं जिला प्रशासन को पूरी जिम्मेदारी से इसकी उपयोगिता पर पर ध्यान देने की जरूरत है। नगर के आमजन रोजाना महाजाम से ग्रसित हैं।

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